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गज़ब लीला है तेरी
गज़ब तेरे परिवेश
जो जिस रूप में याद करें
वही रूप धरे शिवेश
ज्योति बिंदु रूप तेरा
निराकार स्वरूप तेरा
अंतर्मन से याद करो
प्रकट होता ईश मेरा
तू दिखता उन्ही को
जो समर्पित हो गए
द्वार पर तेरे हाजिर हो गए
तुझमें विदेही बन खो गए।
#श्रीगोपाल नारसन
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