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ममता की है चली बयार।
लाये सभी दिलों मे बहार।
ममता की परिभाषा माता।
करती हर अभिलाषा माता।।
माँ ममता की दीप जलाये।
दुनिया तुझको शीश झुकाये।।
ममता की जय गान कराती
ममता में दुनिया रम जाती।।
सबसे ज्यादा ममता मूरत।
जननी होती इसकी सूरत।।
ममता होती बड़ी महान।
सदा कराती स्नेह पान।।
सपनों को साकार बनाती।
ममता सबको गले लगाती।।
ममता का पाठ पढ़ाती है माता।
संस्कार ममता की बनाती है माता।।
संस्कार की सीख बताओ।
थोड़ा ममता हमें जताओ।।
नवीन कुमार भट्ट नीर
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