लेख-जय हो व्हाट्सएप महादेवा*

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आज की दुनिया व्हाट्सएप की दुनिया हैं। हर चीज व्हाट्सएप पर उपलब्ध होनी चाहिए। कोई भी काम पड़ता है तो तुरंत व्हाट्सएप को याद किया जाता है। आज व्हाट्सएप भगवान के बराबर है। कई लोगों की तो जिंदगी ही बदल गई। कई लोगों को बहुत कुछ सीखने को मिला। कई लोगों को व्यापार में बहुत सुविधा हुई। सब लोगों को कुछ ना कुछ फायदा हुआ है व्हाट्सएप से। कुछ लोगों ने गलत फायदा भी उठाया तो कइयों ने इसका सही और वैध तरीके से काम लेकर अपनी पहचान भी बनाई है। आजकल लोग व्हाट्सएप पर इतना समय व्यतीत कर देते हैं कि उनको पता ही नहीं रहता। जब भी फुर्सत मिलती है तो तुरन्त व्हाट्सप चेक करके देखते है कि किसी ने कुछ भेजा है क्या? मिनट – मिनट में चेक करते हैं। जब भी रात को नींद खुलती है चाहे कितने भी बज रहे हो ,अधिकांश लोग उठकर व्हाट्सप चेक करते ही है। बनाने वाले ने तो इसको किसी अच्छे उप्योह हेतु बनाया था पर लोग ना जाने किन किन तरीकों से इसका इस्तेमाल करने लग गए है । आज कुछ लोग खाने के बिना रह सकते है पर व्हाट्सप के बिना नहीं रह सकते। जय व्हाट्सप महादेवा अब तो आप ही मेरे सर्वस्व हो । व्हाट्सप के बिना कई लोगों की जिंदगी बेगानी सी हो जाती है । अगर लोगों के फोन में से इस एप्प्स को ही हटा दिया जाए तो उनका मन ही नहीं लगेगा । व्हाट्सप पर एक से बढ़कर एक डीपी लगाने का शौक है तो किसी को मैसेज करने का शौक है तो किसी के पास स्टेटस बदलने ओर नए नए लगाने का शौक है ।

*कवि कृष्ण कुमार सैनी

दौसा,राजस्थान

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।