पापा की परी

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पापा की वह नन्ही परी दिन भर उड़ती रहती थी।
अरमानों के पंख लगाकर स्वप्न लोक में रहती थी।

न समझ थी दुनिया की न समझना उसे आता था।
दुनिया तो पापा थे ,
जाने क्या वह नाता था।

रक्षा कवच बनकर हर दम
चले वह साथ उसके ।
गिरकर उठना उठकर चलना उन्होंने उसे सिखाया था ।

कुरीतियों से निकल कर
हालातों से लड़ना सिखाया था

न डर था गिरने का
न गुमराह हो जाने का,
मेरी बेटी मेरा स्वाभिमान
ऐसा विश्वास पिता का था।

छल भरी इस दुनियां में
सुरक्षित पिता का साया था।

कितना सुरक्षित था बचपन
वह आज समझ में आया है।

जीवन के जिस मोड़ पर
आकर खड़ी है यह जिंदगी।

धन वैभव ऐश्वर्य बहुत है,
फिर भी है सुरक्षा का अभाव यहाँ,

पल में अपनी पल में बेगानी
रंग बदलती दुनिया में

कहने को सब अपने है पर
नही पिता का साया है।

जिसके साये में बचपन बीता
वह बचपन स्वप्न भरा सा है।

जीवन की सच्चाई यही है
बिन पिता यह कांटो भरा सा है।
कांटो भरा सा है……
मिस यू पापा

#शीतल रॉय

परिचय:विगत 1 दशक से अधिक समय से इंदौर में पत्रकारिता कर रही शीतल रॉय वर्तमान में वुमन प्रेस क्लब की प्रदेश अध्यक्ष हैं।

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।