प्रार्थना-पत्र 12

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सेवा में,
श्री नरेंद्र मोदी जी,
प्रधानमंत्री भारत सरकार,
नई दिल्ली।
दिनांक: 30 जनवरी 2020
विषय: नागरिकता संशोधन कानून सी.ए.ए. के पक्ष में राष्ट्र के प्रति अपना कर्तव्य निभाने के लिए मुझे पदयात्रा की शीघ्र अनुमति हेतु आवेदन-पत्र।सम्माननीयों जय हिंद

आदरणीय महोदय
सम्माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ‘परीक्षा पे चर्चा’ पर मेरा मानना है कि तनाव मात्र विद्यार्थियों को ही नहीं बल्कि प्रत्येक परीक्षार्थी के मस्तिष्क में उत्पन्न होता है।वह परीक्षा चाहे बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक हो, चंद्रयान टू की सफलता की हो, जम्मू कश्मीर की धारा 370 समाप्त कर खुशहाली स्थापित करने की हो या एसडीएम कार्यालय खौड़ से लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय दिल्ली तक की तुच्छ पदयात्रा की सफलता की हो।परीक्षा तो परीक्षा ही होती है।
प्रधानमंत्री जी जिस प्रकार आप विद्यार्थियों की परीक्षा के तनाव को समाप्त करने के सूत्र दे रहे हैं।उसी प्रकार राष्ट्र के किसानों, बेरोजगारों और राष्ट्रभक्तों के लिए प्रशासनिक भ्रष्ट व्यवस्था के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के नकारात्मक शब्दों से उपजे तनावों से मुक्ति के सूत्र भी मन की बात के माध्यम से नागरिकों के समक्ष रखें।
उदाहरणार्थ मेरी 3 जनवरी 2020 की पदयात्रा हेतु दी गई प्रार्थना को आपके कार्यालय ने उसी पल गृहमंत्री के कार्यालय और फिर कोआर्डिनेशन सचिव के पास भेज दी गई थी जहां से उसे जम्मू कश्मीर डीवीजन व सेंटर स्टेट और केंद्र शासित दिल्ली पुलिस को भेज दी गई थी।मगर डीजिटल इंडिया अर्थात पारदर्शी भारत के पटल पर मात्र दिल्ली की पुलिस के डिप्टी कमिश्नर के पास ही दिखाई दे रही है।जबकि जम्मू कश्मीर को भेजी गई प्रार्थना-पत्र का अता-पता जानने के लिए मुझे कई प्रकार के तनाव से गुजरना पड़ा और दूरभाष से साधे कई सम्पर्कों के बाद उचित कार्यालय से सम्पर्क हुआ।वहां से पता चला कि मेरी प्रार्थना-पत्र को उचित कार्रवाई हेतु जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव के पास भेज दिया है।आप वहां सम्पर्क करें।
अब समस्या यह उभरी कि बिना तिथि एवं पत्रांक के वहां सम्पर्क कैसे साधा जाए? जिसके लिए संघर्ष करने पर अनुडाक द्वारा मुझे तिथि एवं पत्रांक मिला।उसके आधार पर जम्मू कश्मीर सचिवालय के मुख्य सचिव के कार्यालय दूरभाष द्वारा सम्पर्क साधा और जानकर हताशा हुई कि वहां उक्त नाम की कोई भी डाक प्राप्त ही नहीं हुई।जबकि गृह मंत्रालय के कोआर्डीनेशन सचिव द्वारा पत्रांक एफ. नम्बर 13012/3/2019/-कोआर्ड जीओआई दिनांक 10 जनवरी 2020 को भेजी गई है।
प्रधानमंत्री जी जिस प्रकार आपने जम्मू-कश्मीर को विकसित करने हेतु कलंकित धारा 370 समाप्त की है।उसी प्रकार जम्मू-कश्मीर के भ्रष्टतंत्र की भ्रष्ट प्रणाली को भी समाप्त करने हेतु मन की बात में स्थान देने की कृपा करें।ताकि विकास की गति दिन दौगनी और रात चौगनी हो सके।
चूंकि सशक्त गृहमंत्री अमित शाह जी के नेतृत्व में गृह मंत्रालय द्वारा 10 तारीख के भेजे पत्र पर प्रार्थी द्वारा दूरभाष सूत्र से निरंतर सम्पर्क साधने उपरांत दिनांक 21-1-2020 को पत्रांक पीएस/सीएस/2020/458-सी को कार्रवाई हेतु भेजा गया।जिस पर उसी सचिवालय में स्थित दूसरे कार्यालय में दिनांक 22-1-2020 को पत्रांक पीएस/पीआरएस/ग्रीवांस/1811/20 को कार्रवाई हेतु तीसरे कार्यालय में भेजा गया। जहां से 27-1-2020 को पत्रांक जेकेजीजीसी/डिवकाम/88/017/1992 कार्रवाई हेतु मंडलायुक्त कार्यालय जम्मू में जमा करवाया।जिसको मंडलायुक्त जम्मू कार्यालय के प्राप्तकर्ता कर्मचारी ने 28-1-2020 को सैक्शन में 10657 क्रमांक से जमा करवा दिया।जिस पर कार्रवाई करते हुए माननीय मंडलायुक्त जम्मू ने पत्रांक 901/डिवकाम/काम्लेंट/एलजीएस/जम्मू/2098-30000 को दिनांक 29-01-2020 को शीघ्र कार्रवाई हेतु माननीय उपायुक्त जम्मू को भेज दिया है।जिसके लिए मैं ऊपरोक्त सबका हृदय तल से आभारी हूँ और प्रबल आशावादी हूँ कि अब अनुमति मिल जाएगी।
सम्माननीय प्रधानमंत्री जी किन्तु ऊपरोक्त कार्रवाईयों में मुझे कई बार अधिकारियों व कर्मचारियों की पूर्व की भाँति निम्न बातों पर तनावग्रस्त होना पड़ा।जैसे कि आप यहां आकर पावती यानि रसीद ले जाएं, आप नहीं आ सकते तो किसी अन्य को भेजिए, हम भी आपको आपके घर आकर रसीद नहीं दे सकते इत्यादि- इत्यादि।जो राष्ट्रविकास के मार्ग में धीमा विष रूपी भ्रष्ट गतिरोध है।इसलिए व्याप्त उक्त धीमे विष रूपी भ्रष्ट कार्यशैली अर्थात कार्यसंस्कृति को सुधारने की परम आवश्यकता है।ताकि राष्ट्र को ऐसे मिलकर चलाएं। जैसे आपने अमरीका में आतंकवाद पर सिंह गर्जना की थी और हमारे सेनाध्यक्ष ने यहां पाकाधिकृत बालाकोट में आतंकवादियों की हलचल पर वक्तव्य देकर आपकी सुर में सुर मिलाकर पाकिस्तान व उसके कायर आतंकवादियों को ललकारा था।जिसपर गदगद होकर मैंने भी लिखा था।

ग़ज़ल

डंका बजाया अमरीका में,
पाक घबराया अमरीका में।

मोदी जी की कूट नीति ने,
इमरान फंसाया अमरीका में।

भारत और भारतीयों का,
सम्मान बढ़ाया अमरीका में।

हम किसी से कम नहीं हैं,
संज्ञान कराया अमरीका में।

विकास एवं बदलाव देखो,
डोनाल्ड घुमाया अमरीका में।

छुटपुट देशों की बात क्या,
विश्व चकराया अमरीका में।

बिना युद्ध के जीती जंग,
तिरंगा लहराया अमरीका में।

   सम्माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी उक्त धीमें विष रूपी कार्य प्रणाली के कारण संत जोनस एम्बुलेंस जम्मू से मेरे अथक प्रयास द्वारा एक साथ एक समय व एक ही स्थान पर प्रशिक्षित 80 प्रशिक्षुओं के ओरिजनल प्रमाणपत्रों से आज भी वंचित हूँ।जिसके जिम्मेदार तत्कालिक माननीय जिला रेड़क्रास के भ्रष्ट एवं अमानवीय सचिव और वर्तमान माननीय रिजनल संत जोन्स एम्बुलेंस सचिव दिनेश गुप्ता हैं।जबकि मेरा उक्त कीर्तिमान विश्व कीर्तिमान था।      जिसके बावजूद दिनेश गुप्ता जी को भारत सरकार ने मानवता के आधार पर राष्ट्रपति सम्मान से और मुझे मानवत के दण्ड के रूप में पागल की पेंशन से पुरस्कृत किया हुआ है।
सम्माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी यदि मेरे किए कार्यों पर शोध किये जाएं, तो आपके मन को लगेगा कि मेरी राष्ट्रभक्ति और मानवता के किए कार्यों के आगे पद्मविभूषण तो क्या शांति पुरस्कार भी महत्वहीन हैं।चूंकि मैं राष्ट्र उत्थान मोह में परिवारिक मोह त्याग कर अपनी बर्बादी का शंखनाद कर चुका हूँ।
  किन्तु मेरा और मेरे देश का दुर्भाग्य यह है कि भारतीय वीर क्रांतिकारियों को भारत रत्न से सम्माननित करने और पाकिस्तान, बंगलादेश और अफगानिस्तान से आए पीड़ित-प्रताड़ित हिन्दुओं को हिन्दोस्तान में नागरिकता देने वाले मात्र संशोधित कानून के विरोध में विरोधियों द्वारा राजनीतिक स्वार्थ में राष्ट्र को ही जलाया जा रहा है।जिसे रोकने हेतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी एवं सशक्त गृहमंत्री अमित शाह जी मुझे शीघ्र अति शीघ्र पदयात्रा की अनुमति देकर कृतार्थ करें। सम्माननीयों जय हिंद

ग़ज़ल
चलो जीवन कुछ क्षण जी लें।
मिलजुल कर सब गम भी लें।।
सीमा पर सीने पे गोली खाई।
पुरस्कार हेतु क्यों होंठ सी लें।।
मेरी कहानी मात्र कहानी नहीं।
कड़वे यथार्थों के घूंट भर ही लें।।
सत्संग आधारित झूठा पुलिंदा।
अमृत समझ कहीं विष पी लें।।
साहस देशप्रेम और देशभक्ति।
कहां कहतीं पेंशन पागल की लें।।

प्रतिलिपि सेवा में:- (1) माननीय सांसद डा.जितेंद्र सिंह जी, शमशेर सिंह मन्हास जी एवं जुगल शर्मा सहित
(2) माननीय,डिव काम जम्मू, डीसी जम्मू और एसडीएम अखनूर व एसडीएम खौड़ एवं कई अन्यों को सूचना एवं शीघ्र उचित कार्यवाही हेतु अणुडाक अर्थात इमेल द्वारा सादर भेज दी हैं।सम्माननीयों जय हिंद

प्रार्थी
इन्दु भूषण बाली
आरएसएस के स्वयंसेवक, पत्रकार, चिंतक, आलोचक, हिंदी+अंगरेज़ी+डोगरी लेखक, विचारक, शोधकर्ता एवं भारत के राष्ट्रपति पद का पूर्व प्रत्याशी समीप महावीर मंदिर खौड़ कैंप,
डाकघर व तहसील:- खौड़
जिला:- जम्मू
प्रदेश जम्मू व कश्मीर

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।