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जब हम बिल्कुल छोटे थे
नहीं ज़रा भी मोटे थे
करते थे सब प्यार मुझे
देखते सौ -सौ बार मुझे
मम्मी दूध पिलाती थीं
नानी कपड़े लाती थीं
पापा सब कुछ लाते थे
झूले हमें झुलाते थे
फिर जब कुछ हम बड़े हुए
धीरे -धीरे खड़े हुए
लगे बोलने बातें सारी
खाते रोटी और तरकारी
अब तो स्कूल जाते हैं
घर में कम रह पाते हैं
#जियाउर रहमान जाफ़री
नालंदा(बिहार)
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