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स्वस्थ शरीर की अगर चाह है,
योग ही सबसे सरल राह है।
जीवन रोगों से मुक्त करो,
प्रतिदिन उठकर योग करो।
बहुरंगों के जीवन को तुम,
और सजाने का यत्न करो।
निश्चित ही जीवन निखरेगा,
थोड़ा थोड़ा प्रयत्न करो।
रोगों के अंधियारे को तुम,
योग दीप से दूर करो।
अब दवा की बैसाखी छोड़ो,
योग से अपना नाता जोड़ो।
निर्मल सबकी काया होगी,
आलसता से नाता तोड़ो ।
ऋषियों के बरदान को अब,
हम जीवन का अंग बनाये ।
आओ फिर हम सब मिलकर,
प्रतिदिन योग दिवस मनायें।
#मनोज पन्त
रिखणीखाल(उत्तराखंड)
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