क्यों न बदलें शहरों के नाम ???

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vaishwik

जब भी मैं भारत बने भारत अभियान का प्रस्तुतीकरण करती हूँ, जब मैं कहती हूं कि अपने देश के लिए सिर्फ एक ही नाम प्रचलित हो “भारत” तो जो हृदय से भारतीय हैं वे इसे सहर्ष स्वीकार करते हैं बिना किसी कुतर्क के पर हजारों में कोई एक सिरफिरा इंडियन जरूर यह सवाल करता है कि क्यों, भारत ही क्यों?
आजकल पूरे देश में
बदलने की पहल हो रही है। यह पहल प्रबुद्ध लोगों की आलोचना का शिकार भी हो रही है। ऐसे लोगों के सवाल का जवाब देने की बजाय मैं उनसे पूछना चाहती हूं कि क्यों ना बदलें?

क्या कोई भी व्यक्ति अपने जीवन के बुरे दिनों को याद रखना चाहता है?
क्या दुर्घटनाओं की तस्वीरों से घर सजाए जाते हैं?
क्या बुरे सपनों को बार-बार स्मरण किया जाता है?

इस विषय पर मेरा बहुत स्पष्ट मत है कि यदि कोई शहर मूलतः मुगलों या अंग्रेजों द्वारा बसाया गया हो तो उनके द्वारा दिया गया नाम यथावत रहना चाहिए लेकिन यदि उन्होंने अपने शासनकाल में हमारे प्राचीन समृद्ध, गौरवशाली इतिहास को मिटाने के लिए भारतीय भाषाओं में प्रचलित पुराने नामों को मिटाकर अपने नाम स्थापित किए हों तो आज वे अवश्य ही बदले जाने चाहिए। हमें हक है कि आक्रांताओं द्वारा रौंदे गए समृद्ध, गौरवशाली इतिहास को पुनः उजागर और पुनर्स्थापित करें।

#विजयलक्ष्‍मी जैन

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।