जिए जा रही हूँ..

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nadiya

बिछड़ी हूँ खुद से,फिर भी जिए जा रही हूँ मैं,
अपनी lतलाश अब भी किए जा रही हूँ मैं।

बे-वक़्त तेरी याद की आहट से जाग कर,
पेवंद लगे ख्वाब सिए जा रही हूँ मैं।

एक शोर बन के रह गई सच्चाइयाँ मेरी,
आवाज़ पे आवाज़ दिए जा रही हूँ मैं।

गुज़री कहीं पे शाम,कहीं रात और अब,
तेरे लिए ऐ सुबह जिए जा रही हूँ मैं।

जो दर्द बन के आँख से बहने लगा था कल,
फिर आज वही नाम लिए जा रही हूँ मैं।

अब नादिया मिलाएगा वो ही रफ़ीक़ से,
यूँ उस पे अब यक़ीन किए जा रही हूँ मैं।

                                                                                       #नादिया मसंद

परिचय : इंदौर के विजय नगर की निवासी नादिया मसंद साइकोलोजिस्ट और काउंसलर के अलावा नामवर लेखिका हैं,क्योंकि कई प्रकाशन उर्दू शायरी में ‘औरत का तसव्वुर(उर्दू)’, ‘खामोश सजदे (हिन्दी काव्य संग्रह)’ और ‘मेरांझिड़ी शाम (सिंधी काव्य संग्रह)’गिरहूँ (अनुवाद सिंधी में) आ चुके हैं। नादिया मसंद जी सिंधी,
हिन्दी,उर्दू और इंग्लिश में लेखन करती हैं। आपने मनोविज्ञान व उर्दू में एमएके साथ ही बी.एड. भी किया हुआ है। आपकी लेखनी की वजह से आपको बतौर क़द्र शानासी(सम्मान) मोहमद अली ताज पुरस्कार(उर्दू साहित्य अकादमी),साहित्य कलश की और से हरूमल रीझवानी राज्य स्तरीय पुरस्कार,बीबीसी लंदन की तरफ से ग़ज़ल प्रतियोगिता में पुरस्कार सहित विभिन्न साहित्यक और सामाजिक संस्थाओं की ओर से भी कई पुरस्कार मिले हैं।

 

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।