ख्वाहिशें

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vandana sharma
वो झिलमिलाती ,इठलाती, महकती
हिंडोले झूलती,नन्दनवन सी,चमकते तारे सी,
टिमटिमाते हवाईजहाज सी
चंचल मीन सी वो दूरबीन सी
शेर की दहाड़ सी, राजकुमारी के ताज सी
मलय समीर सी,रांझा के हीर सी
सपनों की मिठास सी,मयूर,कोकिल,कीर सी
*वो ख्वाहिशें………….
आज जाने कहाँ खो गई
जिंदगी की अधरझूल में
हिचकोले खाती थककर चूर हो गई
जीवन के बीहड़ वन में भटकते
काँटों में अटकते जख्मी हो गई
बेजुबान सी, उदास सी,दुबके सियार सी
हिमपात की मार सी,तरकश के तीर सी
कटु तिक्त स्वाद सी,सीता की पीर सी
बनकर कण्ठहार गले पड़ गयी
वो ख्वाहिशें…………….
मरी नहीं बनी नहीं
स्मृति की राख में दफन हो गयी
दबी हुई छुपी हुई
अनाम बनकर आज भी
ताप दे रही कहीं
भाप दे रही कहीं
वही वाष्प बूँद बन
आँख में यूँ सज गयी
वो ख्वाहिशें………
#वन्दना शर्मा
अजमेर(राजस्थान)
मेरा नाम वन्दना शर्मा है मैं अजमेर से हूँ मेरा जन्म स्थान गंडाला अलवर है मेरी शिक्षा हिंदी में स्नातकोत्तर बी एड है मेरे आदर्श मेरे गुरु और माता पिता हैंलेखन और पठन पाठन में मेरी रुचि है नौकरी के लिए प्रयास रत हूँ। मेरी रचनाएँ  कई पोर्टल पर प्रकाशित होती हैं मैं कई  काव्य समूहों में सक्रिय हूँ । अभी मैं मातृभाषा पोर्टल से जुड़ना चाहती हूँ पोर्टल के नियमों के प्रति प्रतिबद्धता मेरी प्रतिज्ञा है वन्दन 

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।