ख्वाहिशें

0 0
Read Time3 Minute, 7 Second

babulal sharma
.             💫💫
ख्वाहिशें हम से न पूछो,
ख्वाहिशों   का  जोर है।
सीना  ताने  जो  अड़े है,
वही  बहुत  कमजोर हैं।
आज जो बनते  फिरे है,
वे  शाह  पक्के चोर  हैं।
ख्वाहिशें हमसे न  पूछो,
ख्वाहिशों का जोर है💫
💫💫💫
ख्वाहिशें सैनिक से पूछो,
जो  अब  बड़ा  बेजार है।
जूझ  सीमा  पर   रहा है,
जो  मौत  का  बाजार है।
राज  के आदेश  बिन ही,
वह   निरा   कमजोर  है।
ख्वाहिशें  हमसे  न पूछो,
ख्वाहिशों का जोर है💫
💫💫💫
ख्वाहिशें कृषकों से पूछो,
सब स्वप्न  सुनहलें चूर हैं।
जय किसान के नारे गाते,
कर  देते  जग  मशहूर है।
अन्नदाता के पेट चिपकते,
मनअंतकरण कमजोर है।
ख्वाहिशें  हमसे  न  पूछो,
ख्वाहिशों का जोर है💫
💫💫💫
ख्वाहिशें बच्चों  से पूछो,
छिन रहा  बचपन सभी।
रोजगार के  सपने बुनते,
लगते न पूरे  होत कभी।
आरक्षण है भूल भुलैया,
बेरोजगारी  हर  भोर है।
ख्वाहिशें हम से न पूछो,
ख्वाहिशों का जोर है💫
💫💫💫
ख्वाहिशें गुरुजन से पूछो,
निज मान व सम्मान की।
संतति हित सब समर्पित,
मगर सहज अरमान की।
मन आत्माएँ  जीर्ण होते,
तन व्याधियाँ पुर जोर है।
ख्वाहिशें  हमसे  न पूछो,
ख्वाहिशों का जोर है💫
💫💫💫
ख्वाहिशें जनता से पूछो,
वोट के बदले जिलालत।
क्यों चोर सीनाजोर होते,
मँहगाई हो गई कयामत।
देश हित जो भी है चुनते,
सब  भ्रष्ट रिश्वत खोर हैं।
ख्वाहिशें  हमसे  न पूछो,
ख्वाहिशों का जोर है💫
💫💫💫
ख्वाहिशें बिटिया से पूछो,
जो  जनम लगता भार है।
हर कदम  बंदिश प्रताड़न,
खतरे  ही  जीवन सार है।
अगले जन्म बेटी न कीजै,
हर  जहाँ  यह   शोर   है।
ख्वाहिशें  हमसे  न  पूछो,
ख्वाहशों का जोर है 💫

नाम– बाबू लाल शर्मा 
साहित्यिक उपनाम- बौहरा
जन्म स्थान – सिकन्दरा, दौसा(राज.)
वर्तमान पता- सिकन्दरा, दौसा (राज.)
राज्य- राजस्थान
शिक्षा-M.A, B.ED.
कार्यक्षेत्र- व.अध्यापक,राजकीय सेवा
सामाजिक क्षेत्र- बेटी बचाओ ..बेटी पढाओ अभियान,सामाजिक सुधार
लेखन विधा -कविता, कहानी,उपन्यास,दोहे
सम्मान-शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र मे पुरस्कृत
अन्य उपलब्धियाँ- स्वैच्छिक.. बेटी बचाओ.. बेटी पढाओ अभियान
लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

हरितालिकातीज

Tue Sep 11 , 2018
आज तीज की शुभ घड़ी आयी, चाँद ने की किरणों से सगाई…! ब्रम्हमुहूर्त ने मंगल गीत गाये, गोधूलि बेला ने दी है विदाई….! मेहन्दी रचाऊँ इन हाँथो में, पिया के प्रेम की खुशबू आये…! महावर लगाऊं मैं पैरों में, सजना तू ही धड़कन में समाए…! बिंदिया सजाऊँ मांग में, तू […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।