कृष्ण कुल से कहते येदु ,
मान सुगन्ध केवरा जैसी।
कृष्णभजन में दीवानी है,
भाव भक्ति है मीरा जैसी।
जीवन सुरभित चंदन जैसा,
मैना कोयल जैसा स्वर है।
वर्ण सुवर्ण,भाव भी उत्तम,
मीन से अक्षि सौम्य सुघर है।
पच्चीस अगस्त जन्म दिवस,
राखी से पहले ही जन्मी है।
लगता जैसे जनम जनम की,
भूतल पर सद अजन्मी है।
कवि हित के अनुबन्धों की,
उस मूरत का सम्मान करूं।
जीवन बने और सद् प्रेरक,
जन्म दिवस पर मान करूं।
साहित्य समूह का गौरव है,
मीराबाई सा शुभ मान करूँ।
कदम कदम खुश हाली हो,
जन्मदिवस शुभकाम करूं।
सबके हित में अपने हित है,
“सद्विचार” संवाहक भी है।
हिन्दीसाहित्,सृजन कर्मरत,
कविजन से संवादक भी है।
दीर्घ आयु की करूं कामना,
शुभ शुभ आशीर्वाद लिखूं।
निज की पर की करें उन्नति,
जन्म दिवस पर मान लिखूं।
छत्तीसगढ़ी मीरा कहता हूँ,
लगती बहन सहोदर जैसी।
रिश्ते सगे बहुत हैं देखे,
देखी नहीं भावना ऐसी।
नाम छिपा कविता में इनका,
ढूँढो सभी बधाई दे दो।
अपनी अपनी बोली भाषा,
हिन्दी में शुभकामन् कह दो।
शर्माबाबूलाल बधाई देता,
उस तप शीला बहिना को।
शुभकामनाएँ बखूबी देता,
जनमी भादवा महिना को।
नाम– बाबू लाल शर्मा
साहित्यिक उपनाम- बौहरा
जन्म स्थान – सिकन्दरा, दौसा(राज.)
वर्तमान पता- सिकन्दरा, दौसा (राज.)
राज्य- राजस्थान
शिक्षा-M.A, B.ED.
कार्यक्षेत्र- व.अध्यापक,राजकीय सेवा
सामाजिक क्षेत्र- बेटी बचाओ ..बेटी पढाओ अभियान,सामाजिक सुधार
लेखन विधा -कविता, कहानी,उपन्यास,दोहे
सम्मान-शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र मे पुरस्कृत
अन्य उपलब्धियाँ- स्वैच्छिक.. बेटी बचाओ.. बेटी पढाओ अभियान
लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः