बहिन का जन्मदिवस

0 0
Read Time2 Minute, 33 Second

babulal sharma

कृष्ण कुल से कहते येदु ,
मान सुगन्ध केवरा जैसी।
कृष्णभजन में दीवानी है,
भाव भक्ति है मीरा जैसी।🙌

जीवन सुरभित चंदन जैसा,
मैना  कोयल  जैसा स्वर है।
वर्ण सुवर्ण,भाव  भी  उत्तम,
मीन से अक्षि सौम्य सुघर है।🙌

पच्चीस अगस्त जन्म दिवस,
राखी से  पहले ही जन्मी है।
लगता जैसे जनम जनम की,
भूतल पर  सद  अजन्मी है।🙌

कवि हित के अनुबन्धों की,
उस मूरत का सम्मान करूं।
जीवन बने और  सद् प्रेरक,
जन्म दिवस पर मान करूं।🙌

साहित्य समूह का गौरव है,
मीराबाई सा शुभ मान करूँ।
कदम कदम खुश हाली हो,
जन्मदिवस शुभकाम करूं।🙌

सबके हित में अपने हित है,
“सद्विचार”  संवाहक भी है।
हिन्दीसाहित्,सृजन कर्मरत,
कविजन से संवादक भी है।🙌

दीर्घ आयु की करूं कामना,
शुभ शुभ आशीर्वाद  लिखूं।
निज की पर की करें उन्नति,
जन्म दिवस पर मान लिखूं।🙌

छत्तीसगढ़ी मीरा कहता हूँ,
लगती बहन सहोदर जैसी।
रिश्ते   सगे  बहुत  हैं  देखे,
देखी  नहीं  भावना   ऐसी।🙌

नाम छिपा कविता में इनका,
ढूँढो  सभी  बधाई   दे   दो।
अपनी  अपनी  बोली भाषा,
हिन्दी में शुभकामन् कह दो।🙌

शर्माबाबूलाल बधाई देता,
उस तप शीला बहिना को।
शुभकामनाएँ बखूबी देता,
जनमी भादवा महिना को।🙌

नाम– बाबू लाल शर्मा 
साहित्यिक उपनाम- बौहरा
जन्म स्थान – सिकन्दरा, दौसा(राज.)
वर्तमान पता- सिकन्दरा, दौसा (राज.)
राज्य- राजस्थान
शिक्षा-M.A, B.ED.
कार्यक्षेत्र- व.अध्यापक,राजकीय सेवा
सामाजिक क्षेत्र- बेटी बचाओ ..बेटी पढाओ अभियान,सामाजिक सुधार
लेखन विधा -कविता, कहानी,उपन्यास,दोहे
सम्मान-शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र मे पुरस्कृत
अन्य उपलब्धियाँ- स्वैच्छिक.. बेटी बचाओ.. बेटी पढाओ अभियान
लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

कवि तुलसी

Sun Aug 26 , 2018
बन प्रणेता                   ।भरा मानस मानस रचकर            ।  दिलाये पहचान दिया आधार।१     ।       तुलसी ज्ञान।२ ममत्व भरा                   ।दिये तुलसी सिखलाये मर्यादा।           मार्गदर्शिका बन मानस शब्द।३             तपस्या फल।४ मिले निदान                   मानस धार हरिशरण पथ                हरता है चिंतन मानस पाठ।५             शब्दों में सार।६ जगत गान                          महान कवि करता निरंतर                      छोडकर निकले मानस पाठ।७                     […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।