नमस्कार, समझ नहीं आता कि,कैसे और कहाँ से शुरु करुं, आखिरकार आप लोगों की करस्तानियाँ ही कुछ ऐसी हैं। आप कॉलेजों के बाहर,गलियों के मुहानों तथा नुक्कड़ों पर मिलने वाली वही महान विभूतियाँ हैं,जो लड़कियों का जीना हराम कर देते हैं। यूँ ही आवारागर्दी करते-करते आप को कोई भोली-भाली लड़की […]
व्यंग्य
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