एक मित्र ने कहा, आपको बोलने हेतु मन में एक बात जगी है, जाकेट में ऐसे लगते हो जैसे-जाकेट हेंगर पर टँगी है। आपको देखो तो जादू होता है, खड़ा रहता सामने तुम पण दिखाई नी देता है, कमाल का चेचिस है तुम्हारा जित देखो तित से, एक साँचे में […]

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बड़ी ख़ुशी की बात हे कि,खिचड़ी को राष्ट्रीय आहार घोषित किया जा रहा हैl घर में जब भी खिचड़ी बनती तो पापा हमेशा कहते थे-अपने घर में क्या बनता है,सबको रोज नहीं बतानाl नहीं तो मोहल्ले वाले कहेंगे `खिचड़ी वाले` अंकल जी,क्योंकि मोहल्ले में कुछ लोग तो खिचड़ी के नाम […]

`साहब` किसी भी प्रजाति का हो,साहब ही होता है। साहब की कई प्रजातियां होती हैं। साहब को साहब मानने का एक ही आधार है। साहब का एक पी.ए.(निज सहायक) हो। बिना पी.ए. साहब नहीं होता,और साहब के बिना पी.ए. नहीं हो सकटा है। इसमें एक फजीहत है। जिस तरह अस्पतालों […]

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`इंडिया गेट` की `खिचड़ी` चुनाव प्रेरित है। गुजरात और हिमाचल में नेता खिचड़ी पका रहे हैं,उससे प्रतिस्‍पर्धा करने के लिए इंडिया गेट पर ये खिचड़ी पकाई जा रही है। दिल्‍ली में खिचड़ी से ज्‍यादा रायते का महत्‍व है। चुनावी खिचड़ी की लोकप्रियता देखकर ही इंडिया गेट पर कुछ रसोइयों  ने […]

देश में कबाड़ और कबाड़ की परख करने वाले सैलाब की तरह आ रहे हैं। जहां कबाड़ दिखा,हुक लगाया उठा लिया। कबाड़ के पास रखी नई चीज भी उठा लेते हैं कबाड़ी-मोहल्ले से लेकर राजपथ,राजपथ से लेकर जनपथ तक। जनपथ यानी जनता का पथ या मार्ग तक अपनी बिना ठिए […]

इश्क में, नयनों की भाषा अजीब होती है वो मिलन का इशारा दे गई, इस हृदय में आज भी इश्क भरपूर जज्बा है, कौन कहता है कि ये इमारत खण्डहर हो गई। इश्क में बताया नहीं जाता कि, उसने क्या पाया हमने कौन-सा राग गाया, रागों की जुगलबन्दी में दिलों […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।