वाह रे सियासत तेरे रूप हजार। सत्ता का लोभ एवं कुर्सी की चेष्टा किस स्तर तक जा सकती है इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती, सियासत की ऐसी उठा-पठक की जिसको देखने के बाद देश की जनता सोचने पर विवश एवं मजबूर हो रही है कि क्या ऐसा भी […]
आइए आज दशहरे पर दो बातों पर ध्यान देते हैं: पहली, दशमलव प्रणाली में मूलभूत संख्याएँ दस ही हैं – शून्य से लेकर नौ तक। इतने ही महापंडित ज्ञानी रावण के मुख भी हैं। बाकी सारी संख्याएँ इन्हीं दस संख्याओं से बनी हैं। संख्याएँ जहाँ तक जा सकती हैं वहां […]
हम प्रतिवर्ष चारों वेदो के ज्ञाता और सभी छः शास्त्रों पर अपनी विजय पा लेने वाले लंकापति राजा रावण को प्रतिशोध रूप में जलाने की परंपरा निभाते चले आ रहे है।लेकिन जिस रावण को जलाना चाहते है वह तो कभी जलता ही नही है अलबत्ता उसके पुतले को जलाकर हम […]
वाह रे सियासत तेरे रूप हजार। सत्ता का लोभ एवं कुर्सी की चेष्टा किस स्तर तक जा सकती है इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती, सियासत की ऐसी उठा-पठक की जिसको देखने के बाद देश की जनता सोचने पर विवश एवं मजबूर हो रही है कि क्या ऐसा भी […]
दुर्गाष्टमी के शुभ अवसर पर 5 अक्टूबर 1524 को चंदेल वंश में बांदा, कालांजार, उत्तर प्रदेश में जन्मी वीरांगना दुर्गावती का विवाह 1542 में विवाह गढ़ मंडला राजा संग्राम शाह के सबसे बड़े पुत्र दलपत शाह से हुआ था। विवाह के कुछ साल बाद ही दलपत शाह चल बसे। पुत्र […]
राष्ट्रभाषा हिन्दी ही हो सकती है 1) सरकारी कर्मचारियों के लिए वह भाषा सरल होनी चाहिए। 2) उस भाषा के द्वारा भारत वर्ष का आपसी धार्मिक,आर्थिक और राजनीतिक व्यवहार हो सकना चाहिए। 3) यह जरूरी है कि भारत वर्ष के बहुत से लोग उस भाषा को बोलते हो। 4) राष्ट्र […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।