काव्य संग्रह…………. राजकुमार जैन ‘राजन’ का प्रस्तुत काव्य संग्रह “खोजना होगा अमृत कलश” प्राप्त करने का सौभाग्य मिलने से हमें बहुत ख़ुशी हुई है | देव-दानव “अमृत कलश” के लिए एक दुसरे से लड़ाई कर रहे थे | इसे प्राप्त करने की स्पर्धा चलती थी | हमें कोई संघर्ष नहीं […]
मातृभाषा
मातृभाषा
महत्वपूर्ण सूचना असंयमितता, अनियमितता और अभ्रद्रता के चलते कुछ लोगों को संस्थान से बाहर कर दिया गया है| मूलत: मातृभाषा.कॉम का मालिकाना हक व संस्थापन डॉ.अर्पण जैन ‘अविचल’ द्वारा किया गया है| मातृभाषा.कॉम सहित हिन्दीग्राम, व मातृभाषा उन्नयन संस्थान भी उन्हीं के निर्देशन संचालित है | कुछ लोगो द्वारा रचनाकारों […]