सावन, नाम सुनते ही मन में राहत की फुहारें से बरस जाती हैं और मन में तैर जाते हैं उमड़ते-घुमड़ते बादल, कूकती कोयल और पंख फैलाए मोर, सेवीयां, घेवर, बागों में पड़े झूले और पींघ झूलती युवतियों के गीत। भारतीय समाज में सावन केवल बरसात व भीषण गर्मी से राहत […]

       मैं बहुत ज्यादा तनाव में हूँ अब और नहीं सहा जाता…..जैसा कि विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि ये सुसाइड नोट, इंदौर के प्रसिद्ध राष्ट्रसंत माने जाने वाले भय्यू जी महाराज का है। आपाधापी और भौतिकतावादी की इस दुनिया में सबके अपने-अपने तनाव हैं। कोई पैसे के पीछे, कोई कर्जे में, […]

आजकल मैं इंदौर याने मालवा क्षेत्र में हूं। कल प्रधानमंत्री ने इंदौर की महापौर मालिनी गौड़ को सम्मानित किया, क्योंकि इंदौर दूसरी बार भारत का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया। मेरे-जैसे इंदौरी के लिए यह गर्व की बात है। यहां आकर नरेंद्र मोदी ने काफी प्रशंसात्मक और प्रेरणादायक भाषण […]

  शब्द साधन और संपन्नता के चरम पर भावनाओं के सहारे तथ्यों और जानकारियों को सहज रूप से प्रस्तुत करके गंभीरता को पाठक के मन तक मोड़ देने का नाम गद्य है | एक साधा हुआ काव्य भी गद्य कहलाता हैं | मानव के सामान्य जीवन में बोले जाने वाले […]

जम्मू-कश्मीर की सरकार का जो हश्र अब हुआ, वह पहले ही क्यों नहीं हुआ ? भाजपा ने पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी को साढ़े तीन साल टिकाए रखा और अपनी प्रांतीय और राष्ट्रीय छवि को चौपट होने दिया, इसके पीछे उसकी उदारता और धैर्य की तारीफ करनी पड़ेगी। भाजपा के समर्थक कश्मीर […]

शायद हमें एक संत ना खोना पड़ता! ये हमारी परम्परा सी बन गई है कि हम मरने के बाद सब को “स्वर्गीय” मान लेते हैं। इसके लिए अपने तर्क हो सकते हैं । “मरे बाद महान”  की परपंरा भी हमारे समाज में है, जो जिंदा महान थे उनके मरने के […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।