सोशल मीडिया पर कहाँ है मातृभाषा उन्नयन संस्थान

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सोशल मीडिया पर कहाँ है मातृभाषा उन्नयन संस्थान

matrubhasha

 

मातृभाषा उन्नयन संस्थान को हमेशा से हिन्दी के प्रचार हेतु तकनीकी के प्रति सजग संगठन के रुप में जाना जाता रहा है।  ज़ाहिर है कि संस्थान ने इंटरनेट और सोशल मीडिया पर अपनी उपस्थिति को चिन्हित भी किया है। संगठन का हिन्दी प्रचार हेतु अपना सूचना प्रौद्योगिकी प्रकल्प है यानी एक ऐसी इकाई जिसका काम ही है जनमानस में हिन्दी का प्रचार प्रसार करना और उसे राष्ट्रभाषा बनाने हेतु समर्थन प्राप्त करना।

फ़ेसबुक पर संगठन का हिन्दी ग्राम पन्ना है जिस पर इस समय (ख़बर लिखे जाने तक) ३ हज़ार से अधिक लोगों द्वारा पसंद किया गया हैं। ट्विटर पर संगठन सक्रिय है और फॉलोअर्स की संख्या १ हज़ार से ऊपर है।

फ़ेसबुक पर संगठन न केवल विभिन्न मुद्दों पर लोगों की राय आमंत्रित करता है बल्कि संगठन और हिन्दी से जुड़ी जानकारी भी देता है। हिन्दी को रोजगार मूलक भाषा बनाने हेतु हिन्दी ग्राम सजग है। हिन्दी भाषा से सम्बंधित तथ्यों, प्रश्नों और विभिन्न महापुरुषों के जन्मदिवस, पुण्यतिथि व निधन आदि की सूचना भी प्रेषित करता है। इसके अतिरिक्त मातृभाषा उन्नयन संस्थान की एक इकाई मातृभाषा.कॉम ऐसी भी है जहाँ संस्थान द्वारा हिन्दी के रचनाकारों को मंच भी उपलब्ध करवाया जाता है जिसके माध्यम से नवोदित और स्थापित रचनाकारों के लेखन को पढ़ा जा सकता है। साथ ही संस्थान की इकाई के तौर पर अंतरा शब्दशक्ति प्रकाशन भी है जो हिन्दी के रचनाकारों की पुस्तकों का प्रकाशन करता है। साहित्यकारों की जानकारी को सहेजने के उद्देश्य से संस्था की एक इकाई ‘साहित्यकारकोश‘ भी सक्रीय है।

Arpan Jain

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।