(नागपंचमी विशेष) एक जानकारी के मुताबिक उड़ने वाले सांपों की प्रजाति का पता चला है। दक्षिण अमेरिका में इस प्रकार की प्रजाति के सांप के फन अवशेष शोधकर्ताओं को प्राप्त हुए हैं। टेरासोर की नई  प्रजाति को `ऑलकारेन` नाम दिया गया। शोधकर्ताओं का प्रमुख उद्देश्य उड़ने वाले सांप समूह की उत्पति व […]

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पिछले एक माह से भारत-भूटान-चीन सीमा पर भारी तनाव व गर्म माहौल है। चीन,भारतीय सीमा के नजदीक सैन्य सड़क मार्ग का निर्माण करना चाहता है और भारतीय सेना उसके सड़क निर्माण कार्य को रोककर अपना विरोध दर्ज करा चुकी है,जिसके कारण दोनों सेनाओं के बीच तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। […]

बेलगाम बढ़ती आबादी एक विश्वव्यापी समस्या है, खासतौर पर अविकसित और विकासशील देशों के लिए यह और भी अधिक गंभीर है। विशेषतः भारत में वृद्धि और विकास को हानि पहॅुंचाते हुए तीव्र गति से बढ़ती जनसंख्या परेशानी का सबक बन चुकी है। उधेड़बुन में हम १.३० अरब हो चुके हैं। […]

  भारतीय संस्कृति में प्राचीनकाल से अनेक शिष्टाचारों का प्रचलन रहा है। उस काल में विवाह संस्कार एक सामान्य शिष्टाचार था। विवाह के अवसर पर पिता स्वेच्छा से अपने सामर्थ्य के अनुसार कन्यादान के रूप में कन्या को कुछ उपहार देता था। उनकी हमेशा से शुभकामना होती है कि,कन्या अपनी […]

एक पहल करनी होगी गौरेया को बचाने के लिए,क्योंकि गौरेया कम देखने को मिलती है। यह आए दिन विलुप्त होती जा रही है। सर्वप्रथम हमें बाग-बगीचों को बढ़ाना होगा,पीपल,आम और बरगद के पेड़ लगाने होंगे तथा विलुप्त हो रही इस पक्षी की नस्ल को बचाने के लिए एकसाथ कार्य करना […]

कमोबेश यह स्थिति भारत की सभी भाषाओं की है। यदि हम अपनी भाषाएं ही न बचा पाए तो,भारतीय धर्म- संस्कृति,ज्ञान-विज्ञान,बौद्धिक-संपदा व आध्यात्म ही नहीं,भारतीयता को बचाना भी असंभव है। जब हम भारत की भाषाओं और भारतीयता से दूर होंगे तो,आने वाली पीढ़ियों में भारत के प्रति प्रेम यानी राष्ट्रप्रेम कैसे बचेगा? […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।