हिन्दी के स्वर्णिम भविष्य को समर्पित, हिन्दी प्रेमियों की श्रद्धा और प्रेम का दर्पण है — पुस्तक – “लहराया हिन्दी का परचम ” अवनि सृजन समूह की संस्थापक बहन मीना गोदरे अवनि के सम्पादन में प्रकाशित इस साझा संकलन से प्रभावित हुए बिना मैं न रह सकी। समीक्षा के लिए […]

*पुस्तक समीक्षा* *शीर्षक- दिवास्वप्न* *लेखक गिजूभाई* *बधेका‌(1931)* *अनुवाद -काशीनाथ त्रिवेदी (2004)* *पृष्ठ -85 /मूल्य 185* *आय एस बी एन नं-81-237-0381-9* *प्रकाशन वर्ष- 2004* *प्रकाशक- नेशनल बुक ट्रस्ट इंडिया न्यू दिल्ली* *दीवास्वप्न* नाम के अनुरूप दिन का स्वप्न एक काल्पनिक कथा है। गिजुभाई ने शिक्षा संबंधी भावाभिव्यक्ति काल्पनिक शिक्षक लक्ष्मीशंकर के […]

लघुकथाओं में प्रयोग स्थापित – पंकज त्रिवेदी खिड़की (लघुकथा संग्रह) लेखिका : यशोधरा भटनागर प्रकाशन-संस्मय प्रकाशन, 8 सी.एस.पी., ए.डी. ब्लॉक, शालीमार बाग़, दिल्ली-110088 मूल्य- 220/- संपर्क : 07067455455 यशोधरा भटनागर की सृजनात्मक शक्ति में नयापन, लचीलापन और लयात्मक अभिगम है। सुप्रसिद्ध रचनाकार तो हम कह देते हैं मगर रचनाकार से […]

पुस्तक समीक्षा आज हम चर्चा कर रहे हैं पत्रकारिता एवं संगणक विज्ञान अभियांत्रिकी में निष्णात, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर जय हिंदी का उद्घोष करने वाले, हिंदी को समर्पित, विद्वान, कवि एवं लेखक डॉक्टर अर्पण जैन “अविचल” के काव्य संग्रह “काव्यपथ” की । कविता की समझ, विद्वता से परिपूर्ण आपका […]

पुस्तक समीक्षा  डॉ. अर्पण जी जैन ‘अविचल’ की पुस्तक ‘पत्रकारिता और अपेक्षाएँ’ अपने नाम को सार्थक करने के साथ-साथ पाठकों की अपेक्षाओं पर भी पूरी तरह खरी उतरी है। लेखन से ज्ञात हुआ कि पत्रकारिता का इतिहास और आज के समय की पत्रकारिता में ज़मीन-आसमान का अंतर आ चुका है। […]

कागज़ पर कलम से खुद को सींचना यानी अदिति भादौरिया की कविताएं -कमलेश भारतीय अदिति भादौरिया फेसबुक पर मिलीं और पाठक मंच से भी जुड़ीं। एक पत्रिका की सहसंपादिका भी बनीं और लघुकथा में भी सक्रिय हैं। पहला पहला कविता संग्रह आया है- खामोशियों की गूंज। आखिर इन खामोशियों की […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।