हर नदी के पास वाला घर तुम्हारा, आसमां में जो भी तारा हर तुम्हाराl बाढ़ आई तो हमारे घर बहे बस, बन गई बिजली तो जगमग घर तुम्हाराl तुम अभी भी आँकड़ों को गढ़ रहे हो, देश भूखा सो गया है पर तुम्हाराl तब तुम्हें कोई मदारी क्यों कहेगा, छोड़कर […]
काव्यभाषा
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