रहे पल्लवित-पुष्पित यह, राष्ट्र जीवन की  फुलवारी। विविध प्रान्त हैं सुमन मनोहर, खुशबू है सबकी न्यारी॥ भाषाएँ कई रम्य मनोरम, बोलियाँ कई यहाँ अनुपम। छह रितुएँ धर्म सात संग, है कहीं नहीं ऐसा दम-खम॥ फूटी सभ्यता किरण यहीं, जगे हम फिर जगत जागा। धर्म ज्ञान विज्ञान कला में, नित बढ़ते […]

बैठ कभी भी फुर्सत में, तुम सम्बन्धों की बात न करना। सम्बन्धों के समीकरण तो बदल रहे हैं॥ ठंडे झोंकों से जब मैंने, केवल तेरा नाम सुना था सतरंगी तब सपनों का, कोरा-सा इक जाल बना था मोहनी बन्धन मुस्कानों की बात न करना। मुस्कानों के अलंकरण तो बदल रहे […]

अनाथ बच्चों का कोई क्यूं नहीं होता,नाथ, उन रोते बच्चों के सिर पे रखने के लिए क्यूं कोई नहीं होता,हाथl हम हमेशा गर्व से बोलते हैं सबसे बड़ा है हमारा,धर्म, तो उन अनाथ बच्चों पे कोई धर्म, क्यूं नहीं करता,रहमl मूर्तियों को करोड़ों के कपड़े पहनाकर हम बढ़ाते हैं समाज […]

￰किसे तू रोज़ ऐ दिल ढूंढ़ता  है, कहाँ सहरा में महफ़िल  ढूंढता हैl  मुकम्मल  तू कभी न हो सकेगा, वज़ह क्या है कि हासिल ढूँढता हैl  बड़ी हैरत सभी को हो रही है, समंदर आज साहिल ढूंढता हैl कहीं छिप जा,नहीं तो क़त्ल होगा, तुझे हर शहर क़ातिल ढूंढता हैl […]

हे प्रियतमा! मैं कैसे कहूँ, कुछ कहूँ या चुप रहूँ।   मैं चाहता हूँ कि, मैं कृष्ण बनूँ तुम राधा बनो, मैं राम बनूँ तुम सीता बनो, मैं रांझा बनूँ, तुम हीर बनो… लेकिन! उलझन में हूँ, कि, कहीं! तुम्हें खो न दूँ, क्योंकि? कृष्ण का प्यार, राम का प्यार […]

जग में जिससे आशाओं की, किरणें होती हैं जगमग है जगजननी धरा में वह, सर्वत्र पूजते उसके पग। शिक्षा के दीपक से ही, उजियारा जीवन कर दो बेटा-बेटी भेद न करना, सपनों के संसार में मुझको पंख लगाकर उड़ने दो, पवित्र रिश्तों के बंधन को, संजोए हूँ मैं पग-पग। जग […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।