कौन तड़प रहा है,इस समर भारत देश में, क्या किया तुमने त्रिकुणी टोपी सफेद वेश मेंl भाषण में तुम जोश लिए,भाषण राग सुनाते हो, सुखी वादे कर हड्डियों को भी तुम सोख जाते हो। सकल देश का क्या तुमने हाल कभी भी देखा है, भाषण में तो तुमने नवनिर्मित विधान […]
काव्यभाषा
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