सर्दी-गरमी व वर्षा से, क्या घबराना,क्या घबराना ? नव अंकुर से नए विहग से, सीखें शीश उठाना। एक बीज जब घर से बाहर, खेतों में बोया जाता। संगी साथी साथ न होते, निपट अकेला हो जाता। नमी और गर्मी पाकर के, बीज प्रफुल्लित हो जाता। बीज चोल का तोड़ आवरण, […]
काव्यभाषा
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