कभी वो भी हाल जान लें, पूछ लें तबियत मेरी। सुकून दिल को मिल जाए, संभल जाए कुछ तबियत मेरी॥ हमदम होकर भी हमकदम न हुए, पद-निशा बता रहे हैं तबियत मेरी। उसे दूर कर दिया था खुद से, आज क्यों पूछते हो तबियत मेरी॥ रहकर दूर कोई कैसे जान […]
काव्यभाषा
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