ऐसे  ना  देखो  ऐ   सनम, हम  दिवाने   हो   रहे   हैं। पलकें  जरा  झपका  लो, हम    इनमें   खो   रहे  हैं। ऐसे ना देखो…॥ जब  से  दिखे  हो सनम, टूटे  हैं  हमारे  सब भरम। सच कहूं तुम्हारी  कसम, हम   मस्ताने  हो  रहे  हैं। ऐसे ना देखो…॥ ऐसे  हुआ  हुश्न-ऐ-असर, तुमको  कहा […]

सतत प्रवाहित रहती, यह जीवन धारा बहती।      ऊषा के संग उठ मुस्काती,       किरणों  के संग नर्तन करती       दानों की आशा करते,      चूजों के संग कलरव      करती।       तरुपल्लवों को झुलाती मंद पवन,       कलियों […]

(माँ नर्मदा की जयंती विशेष) सुनो सुनाता माँ की कहानी, नर्मदा मैया चिरकाल कुंवारी। जब हुई धरती पे पापों की वृष्टि, तब विपरीत हो गई सारी सृष्टि। काल में डूबी मानव की नैया, रूठ गयी थी म्हारी धरती मैया। सूख गया था संसार ये सारा, सारी ऋतुओं ने मुंह था […]

तू जंग लड़, तू जंग जीत… यही प्यार तेरा, यही तेरी प्रीत तू युवा है, और तू ही खफा है सोच कैसी है ये रीत… तू मुंह न मोड़, तू दिल तो खोल तू बिगुल बजा… अब चुप न बैठ, सुन अपने दिल का संगीत… कूद जा तू इस रण […]

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मेरी चाहत में नहीं कोई और है, मेरी जिंदगी में वही सिरमौर है। काफ़िर हूँ चलता रहूंगा काम है, जिंदगी में अपना नहीं ठौर है। चिराग को सम्भालना मेरे कान्हा, बुझाने वाले यहां चारों ओर है। हर शब्द लिखा है सिर्फ उनके लिए, उनको मेरे शब्दों पर नहीं गौर है। […]

हर गुजरते पल से थोड़ी खुशियाँ चुराइए, चमन की कली-कली को प्यार से सहलाइए। चाहते हैं हो तरक्की वतन और अवाम की, बेटियाँ बचाइए और बेटियाँ पढ़ाइए। बेटियाँ हैं भार नहीं,बेटियाँ आभार हैं, सृष्टि का दिया हुआ अमोल उपहार हैंl इनकी एक हँसी पे अपने दो जहाँ लुटाइए, बेटियाँ बचाइए […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।