बनाकर ताज शाहजहां ने, दुनिया को  तोहफा दिया है।  हर आशिक की यादों में,  मुमताज को जिंदा कर दिया है॥  संगमरमर से तराशा है,  मुहब्बत की निशानी को।  जज्बातों से लिख दिया,   प्यार की कहानी को॥  मिसाल ए मुहब्बत को,   रूबरू-ए-दुनिया रख़ दिया है।  हर आशिक की यादों […]

है वफ़ा मेरी मुकम्मल इक रिवायत की तरह, काश आते ज़िन्दगी में तुम इनायत की तरह। तुझसे मिलना बन्दगी से कम नहीं हर्गिज़ सनम, मैंने देखा है सदा तुझको इबादत की तरह। अश्क तेरे मुझसे हरगिज़ छुप नहीं सकते कभी, रोज़ पढ़ता हूँ तेरा चेहरा किसी ख़त की तरह। नाम […]

मय्यत में मेरी तुम सभी चले आना, भूले से भी न तुम आँसू बहाना। उठाकर जनाजा कंधों पर अपने, मुझे शमशान तक सभी छोड़ आना॥ होंगे उस वक़्त वो नींद में मगरूर, भूले से भी न उसे तुम जगाना। मय्यत में मेरी तुम सभी चले आना॥ मुझसे अलग भी दुनिया […]

हम आर्य पुत्र,धर्मरक्षक, हम सन्त सनातन ज्ञानी हैं। हम चक्र-सुदर्शन धारी हैं, हम अर्जुन आज्ञाकारी हैं। हम वीर भगत-आजाद से, धरती पुत्र बलिदानी हैं। हम सब हिंदुस्तानी हैं,  हम सब हिंदुस्तानी हैंll  हमने सबको देना सीखा, लेने की कोई प्यास नहीं  जितना दिया सरकार ने हमको, उससे ज्यादा की आस […]

छाया बंसत सुरभित पवन पिया की यादl कोकिल कहे कुहूँ-कुहूँ पुकार प्रियतम आl आँखियां रोवें उठे कसक जिया बैरी बसंतl पीत वसन लहराती वसुधा गोरी उदासl                #लिली मित्रा परिचय : इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर करने वाली श्रीमती लिली मित्रा हिन्दी भाषा के प्रति स्वाभाविक […]

मोहल्ले के कोने में, रहती थी एक `ख़्वाहिश` हर शाम पुकारती खिड़की पर होकर खड़ी, सपने ले लो, हसीन तड़कते-भड़कते जादुई सपने, इतनी भीड़ में कौन सुने उसकी पुकार, गलियों की हलचल में अक्सर दब जाती उसकी आवाज़, सजने से पहले ही बिखर जाता मानों सपनों का संसार, घर की […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।