हाँ!मैं एक मजदूर हूँ, पर मैं मजबूर नही हूँ। मैं हमेशा ही खाता हूं, खून-पसीने की कमाई। मैं हमेशा ही करता हूँ, सभी लोगों की भलाई। मुझमे थोड़ी भी शर्म नहीं, क्योंकि मैं लाचार नहीं? मैं एक मजदूर हूँ!मजदूर। मेहनत कर रोटी खाता हूँ, मिट्टी से सोना उपजाता हूँ, और […]

आती है जब भी कोई परीक्षा की घड़ी जीवन में हमारे – हो जाते हैं हम बेचैन। घिर जाते हैं अवसाद से और कभी कभी तो ले लेते हैं ऐसा कोई निर्णय जो होता है आत्मघाती । डाल देता है संकट में हमारे साथ परिवार को भी । मिला है […]

जन्म और  मृत्यु तो है शाश्वत सत्य, जो  आया  उसे एक दिन जाना है । मगर  महत्वपूर्ण  है  बस  यही  कि, जीवन  को  कैसे जी कर जाना है । कोई  जीता  है जीवन बुलबुलों सा, आता और जी कर चला जाता है । तो कोई जीता है ओस की बूंदों […]

दर्द के उन मसीहों को चलो हम याद करते हैं याद करतें हैं कैलाश रफ़ी को याद करते हैं। दर्द के उन मसीहों को चलो हम याद करते हैं। बने हैं दर्द में ग़ालिब मिसालें उनकी क़ायम हैं करते हैं याद अरजीत निदा को याद करते हैं। दर्द के उन […]

किरदार निभाना अपना अपना आना अपना जाना अपना जीवन रूपी इस यात्रा मे सुख भी अपना दुख भी अपना जन्म लेते ही यात्रा चलती ठोकर लगती कभी आगे बढ़ती संस्कार मिले तो सुपथ बनता विकर्मो से भाग्य बिगड़ता सृष्टि रूपी इस रेलगाड़ी मे कभी कोई चढ़ता कभी उतरता सृष्टि -गाड़ी […]

तुमसे वादा रहा …. तेरे साथ रहूँगी मैं जब अपनों का साथ चाहोगे हमेशा खड़ी मिलूंगी मैं वादा किया है तुझसे तुझे तेरे मुकाम तक पहुँचाने का वो वादा हर हाल निभाऊँगी मैं माना मुश्किलें तमाम थी पर तेरे प्यार की डोर साथ थी फिर वादा करो मुझसे यूँही चाहते […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।