सुबह से शाम तक, नदी किनारे हँस हँस कर एक औरत दुनिया और दुनियादारी से परे सिक्किम की खूबसूरत वादियों में पेट की भूख मिटाने के लिए उम्र की भी सीमा लांघती तोड़ती रहती है, पत्थर, सामने ही पहाड़ों का खूबसूरत नज़ारा ऐसा कि पलकें भी नहीं झपकती हमारी, मगर […]
काव्यभाषा
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