आओ अपना अभिनय करें अपना अपना पार्ट अदा करें कोई किस भेष में कोई किस हम रोज नित नए सजा करें जिंदगी एक रंगमंच है भाई रोल खत्म तो जिंदगी खत्म सारे रिश्ते कुछ क्षणों के लिए लड़ाई झगड़े मन मुटाव देखे जिंदगी के सुख दुख सहेजते हम दौड़ रहे […]

हिमालय की चोटी को छूना चाहता हूँ । परींदो जैसा गगन मैं उडना चाहता हूँ ।। खुशियों की फिजा में जीना चाहता हूँ । ध्रुव तारे की तरह चमकना चाहता हूँ ।। शिल्पकार की तरह आकार देना चाहता हूँ । विवेकानंद,चाणक्य की तरह बनना चाहता हूँ ।। मेरे हर एक […]

होता तो है जीवन में कभी न कभी तनाव का अंकुरण जो फलता ही  है फिर अधिकतर अवसाद के रूप में । सरल है कहना यह – कि बचें हम तनाव से करें वे उपाय , जो फलित न होने दे इसे अवसाद में । मगर होता कहां है ऐसा […]

देख सीमाओं की दुर्दशा, लिखे शृंगार हम कैसे आंखे मौन है सब की, लिखे अंगार हम कैसे कहीं तो रो रहा है कश्मीर, कहीं हलधर दुखी होते द्रवित मन में प्रेम धन भरकर, लिखे लाचार हम कैसे हमीं कलमकारों ने हर पल, राजनीति को चेताया कैसे खुले आंँख शासन की, […]

दो पल की जिंदगी उधार दे दो, उधर सासों का एतबार कर लो, जन्म भर का साथ न सही दो पल में उम्र भर का प्यार दे दो. कैसे कटेगी ये उम्र तेरे बिन, याद आएगी तेरी हर दिन, यादों की बारात न सही एक घडी में यादों के किस्से […]

घर का दरवाजा खोलता हूँ नीचे एक पत्र पड़ा है शायद डाकिया अंदर डाल गया है उत्सुकता से खोलता हूँ माँ का पत्र है एक-एक शब्द दिल में उतरते जाते हैं बार-बार पढ़ता हूँ फिर भी जी नहीं भरता पत्र को सिरहाने रख सो जाता हूँ रात को सपने में […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।