ईश्वरीय ज्ञान की आबू धरा पर असंख्य अज्ञानी तर जाते है विद्योत्तमा सरीखी बहनो से कालिदास महाकवि बन जाते है परमात्मा नियंत्रक है यहां के स्व परिवर्तन वे करवाते है ईश्वरीय वाणी का रसपान कराकर पतित से पावन बनाते है जाति धर्म का यहां भेद नही सब धर्मो से लोग […]

यह  बीत  रही  है  शाम, सुनो घर आओ। इन नयनन में तुम आज,अभी बस जाओ।। यह  नयना  सुबह  व शाम, ढूंढती तुमको। अब   नींद नही दिन रैन, सुनो जी हमको।। सजल  नयन  मेरी  आज, विरह की वेला। कर  मो  पे  तुम   उपकार, न रहूँ अकेला।। अब तुम ही हो सरताज, […]

उत्तर दे दो मोदी जी, क्यूं इतने लाल गवांए है,, क्या इस दिन की खातिऱ ही आप गद्दी पर बेठाए है,, नही चाहिए दाल हमें सस्ती,ना नोकरी की आशा है,, एक सिर के बदले हमें अब तो दस सिर की अभिलाषा है,, देश का कोई बेटा जब फोजी बन जाता […]

याद गुज़रे ज़माने आ गए क्या फिर यादों के बादल छा गए क्या ===================== अक्स मेरा उभरा जब यकायक आईना देखकर शरमा गए क्या ===================== महफिल छोड़के जाने लगे हो मेरे आने से तुम घबरा गए क्या ====================== बेरूखी बेसबब होती नहीं है मुहब्बत से मेरी उकता गए क्या ====================== […]

एक कमजोर तिनका तैर रहा था उदंड लहरों के थपेड़ों में । लहरें बार- बार आतीं संपूर्ण वेग से डुबो देना चाहती तिनके को । तैरता हुआ तिनका स्वयं भी समझ न पा रहा था आखिर क्यों वह इन प्रचंड लहरों में डूब नहीं रहा है? लहरों का प्रहार तिनके […]

रोकर काटी कितनी रातें,राह तकते गुज़ारे जो दिन मधुमय जीवन की बहारें ,झूठी हो गयीं पिया तुम बिन अपनी पीड़ा भूल सजन तुम ,जरा यूँ ही मुस्कुरा देना *पल दो पल उनकी यादों का ,पानी आँखों में भर लेना* *भूले बिसरे पलों को तुम यादों में अपनी बसा लेना* सजा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।