दिखता नहीं भीड़ में कोई शत्रु खाली हो पेट विपत्ती आयी घर बदले मित्र सूखी अपेक्षा भंवरें जुड़े दलबल सहित सन्नाटा चिरा बिना उजाले अंधियारा प्रबल कायम आशा गर्म शीतल प्रकृति का स्वभाव पवन कहे चौखट गिरी घर -घर की रीत दीवार उंठी लौटेगा वह समझ आने पर अपेक्षा […]

बर्दाश्त हो जाएगा किराए के घर में रहना जिसमें न छज्जा है, न बैठका, न बरजा बस! अंधी-अंधी दो ठिंगनी कोठरियाँ हैं बिना खिड़कियों और रोशनदानों वालीं जहाँ ततैये भी बचते हैं अपने घरौंदे बनाने से; बर्दाश्त हो जाएगा कर्ज़ में आकंठ डूबे हुए अपने घर में रहना जहाँ एक अदद कोठरी में ही अघा जाता है […]

खुले आसमान के नीचे दो दिल बहलते हुए, हां मैंने देखा है उन दोनों को टहलते हुए, वो दो शख्स जो हमसफर हैं, हमराज ह,ैं हम साए हैं, जिन्होंने बरसो एक दूजे के संग बिताए हैं, देखा है उन्हें एक दूसरे की आंखों में सवंरते हुए ,, हां मैंने देखा […]

सबका ही सम्मान तू करना , नहीं कभी अपमान तू करना हिंदू मुस्लिम बाद में बनना , पहले तू इन्सान ही बनना । तकलीफ़े न देना किसी को, कभी किसी को दुखी न करना तकलीफों को सदा समझकर, साथ निभा इन्सान ही बनना । बैर की आग बुझाना यारों, नफरत […]

न जाने कितने सपने बुनते कहीं मंदिर की नींव में जाते कही पत्थरबाजों का अस्त्र हो कहीं भगवान भी बन ये जाते बनाने वाले की कलाकारी बनते कहीं नमक की आत्मा हो जाते किताबों के पन्नों को सहेजते कागजों को बिखरने से बचाते कहीं राह का रोड़ा बनते कही नदी […]

मेरी मा ने एक बार कहा था , बेटे जहा गणतंत्र का झंडा , फहराया जाये , 26 जनवरी को , वहा ! उस जश्न मे मत जाना , उस झण्डे के नीचे मत जाना , ये सफेदपोश ,  उस झण्डे को दागदार कर दिये है , हर साल इसकी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।