सदियों से रहा है आरक्षण कौन कहता है कि आज नया है आरक्षण यह परिपाटी नयी नहीं पुरानी परम्परा है आकाश,पाताल या सड़क सबमें है आरक्षण सूरज को जल कोई पश्चिम तो कोई पूर्व में दे कोई राम को माने तो कोई कृष्ण को जाने कोई महाराष्ट्र को तो काश्मीर […]
काव्यभाषा
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