तीज ना कोई त्योहार, न ही ढोल-मल्हार होली,राखी न दीवाली, रोज मनाते ये उत्सव..॥ कोई बंधन न कोई मन्नत, कदम-कदम मिलाएं हरदम हँसना और हँसाना मीत जैसा ये उत्सव..॥ मोड़ एक यहीं चौखट, याद आता गाँव-चौपाल हौंसला अपना राह नई, क्यों न फिर मनाएं उत्सव..॥ रंजो-ऐ-गम कभी नहीं, न वक्त […]

सुमरूं बारंबार शारदे है मांई, आन विराजो कंठ शारदे हे मांई। सुमरूं हूं मैं उस ईश्वर को, जिसने रचा संसार शारदे हे मांई। सुमरूं बारंबार शारदे हे मांई..॥ सुमरूं हूं मैं मां माटी को, जहां उगे अन्न धान शारदे हे मांई। सुमरूं बारंबार…….. सुमरू हूं नित मात-पिता को, दिया जिन्होंने […]

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सुनो कुछ और वक़्त ठहर जाओ न, कुछ बाकी-सा है दिल में ठहर जाओ न…। न जाने कितने दबे अरमान उफ़ान पे हैं, और न जाने कितने सैलाब दबे से हैं.. खुद में समेटने के लिए ही सही, ठहर जाओ न…। तुम आते हो,आते ही चले जाते हो, मैं रोक […]

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अरे नादान  तुम क्या जानो क्या है शिक्षा, और क्या उसकी है   परिभाषा । जीवन का आधार है शिक्षा मानवता का भाव भी शिक्षा, गहरे घाव पर मरहम तो रेगिस्तान में छाँव भी शिक्षा, राष्ट्र प्रेम का भाव है तो राष्ट्रभक्त का स्वाभिमान भी शिक्षा। शिक्षा की है बात […]

ना मैं हिन्दू हूँ, ना मैं मुस्लिम हूँ.. मैं केवल पशु हूँ। बेजुब़ान हूँ ग़र जुबां होती तो तुमको बतलाती, मैं क्या चाहती हूँ। मैं भी जीव हूँ, मुझे भी जीने दो मुझे भी प्रेम करने दो, मुझे भी अपनी पीढ़ी को अगली पीढ़ी में ले जाने दो वरन् मैं […]

मेघों ने अमृत घट, छलकाया अम्बर से, बूंदों  ने चूम लिए, धरती के गाल। शरमाया ताल। परदेसी मौसम ने , अम्बर के आँगन में, टांग दिए मेघों के , श्यामल परिधान। वातायन वातायन, गंध घुली सौंधी-सी, दक्षिणी हवाओं ने, छेड़ी है तान। किरणों ने बदन छुआ, रिमझिम फुहारों का , […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।