अमृत बेला जो उठते है याद प्रभु को जो करते है प्रभु उनसे बतियाते है अपना वारिस बनाते है वे ही सदा पुण्य पाते मनोरथ उनके पूरे हो जाते असीम सुख वे पाते है स्वर्णिम समय अमृत बेला याद प्रभु को करो बैठ अकेला जो चाहोगे मिल जायेगा संकट सारा […]

बिना वेतन जो काम करे न कोई छुट्टी न कोई गम। बस समय पर काम करे और लोगों को खुश रखे। बता सकते हो ये कौन है जो निस्वर्थ भाव से करती है। ये और कोई नहीं घर की एक महिला हो सकती है।। हर मौसम की ये आदि है […]

“नारी” नम्र,नियम,न्याय,निष्ठा से परिपूर्ण एक अद्भुत निकेतन है! “नारी” संस्कृति,सभ्यता,संवेदना,संकल्प,स्वाभिमान,सम्मान, सद्गुण एवं स्नेह की सर्वश्रेष्ठ संरक्षिका है! “नारी” यानी सदैव क्रियाशील रहना,हलचल करना एवं सदैव नेतृत्व करना! “नारी” तिरस्कार,निरादर,अवहेलना की नहीं बल्कि स्वीकार्य,आदर एवं अपेक्षाओं की प्रतिमूर्ति एवं प्रतीक है! “नारी” बाह्य ख़ूबसूरती में लिपटा लिबास नहीं बल्कि अंतर्मन की […]

यूँ ही नहीं ये लड़कियाँ, कहलाती सुन्दर हैं। उनके दिल में प्रेम का, समाया समन्दर है। ना मानों तो जरा सोचो, कभी इनके बारे में। क्या है ख़ता इनकी, विचारो इसके बारे में। ना छेड़ती लड़कों को, ये चलती राहों में। ना बोलती अपशब्द हैं, भरे बाजारों में। ना घूरतीं […]

‌” नारी तुम केवल श्रद्धा हो ‌विश्वास रजत नभ पग तल में ‌पीयूष स्रोत सी बहा करो ‌जीवन के सुंदर समतल में “ ‌ जयशंकर प्रसाद जी ‌हे नारी ! तुम क्या हो आज तक यह कोई नहीं समझ पाया है। तुम तो माता हो, बहन हो, पत्नी हो, मातृभूमि […]

दो धुरी की सृष्टि सारी एक है नर एक है नारी छोटा बड़ा नही है कोई इन्ही से बनती सृष्टि सारी बिन नारी के पुरुष अधूरा पुरुष बिन अधूरी है नारी दोनों पूरक एक दूजे के सृष्टि दोनों से चलती सारी नारी बिना घर नही बनता नारी से ही संस्कार […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।