तन मन में हमारे गौरैया, उमंग नई भर जाती है। फुदक फुदक गौरैया जब, पास हमारे आती है। नन्हे नन्हें पंखों वाली, कितनी प्यारी प्यारी है। हम सबके घर आँगन की, गौरैया शान हमारी है। चूँ चूँ का गाना गाकर ये, सबका दिल बहलाती है। जब गौरैया दाना चुगने, चौबारे […]

पढ़ो – लिखो, करो उपकार वृत की परिधि = 2 π r मधुर बोलो, बोलो सच बेलन का आयतन= π r² h सादा जीवन उच्च विचार वर्ग का क्षेत्रफल= (भुजा)² हे कर्मठ! क्या है तेरी रज़ा वर्ग का विकर्ण = √2 × एक भुजा संस्कार मिला, मिला संसार वृत्त का […]

कोरोना फिर आ रहा है रह रहकर सता रहा है थोड़ी सी लापरवाही सब पर भारी पड़ रही है रोज़ संख्या बढ़ रही है कोरोना महामारी की कोई चपेट में न आए इससे सावधान रहिए भीड़भाड़ से दूर रहिए मास्क,सेनेटाइजर अपनाए संक्रमण फैलने से बचाए हाथ मिलाना जरूरी नही गले […]

कटती नहीं उम्र मेरी अब तेरे बिना। मुझको किसी से मानो प्यार हो गया। जिंदगी की गाड़ी अकेले अब चलती नहीं। एक साथी की मुझे अब जरूरत आ पड़ी।। मिलना मिलाना जिंदगी का एक दस्तूर है लोगो। खिल जाता है दिल जब कोई अपना मिलता है यहां। जिंदगी के इस […]

हो सतत विकास यह संकल्प हो हमारा हर चेहरे पर मुस्कान हो उद्देश्य हमारा देशहित और समाजहित यह ध्यान रख लीजिए नेकनियति बनाये रखिए तुम्हे यही बड़ा बनाएगी सफलता की मंजिल तक तुम्हे यह पहुंचाएगी है देने वाला हमे कौन यह याद रखना होगा परमात्मा को पाने के लिए परमात्म […]

रोज सजने सवरने को दर्पण के समाने आते हो। देख कर तेरा ये रूप दर्पण खुद शरमा जाता हैं।। रोज बन सावरकर तुम घर से जब निकलते हो। देख कर कुवारे लड़के बहुत शरमा जाते हैं।। अपने आँखो से तुम जब निगाहें घूमाती हो। तब कुवारों का दिल डग मगा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।