साया जबसे उठा माँ का बिन माँ के हो गए हम जिस आँचल में जन्नत लगती उससे महरूम हो गए हम माँ नही दुनिया लगती थी उस दुनिया से खो गए हम डांट डपट सब कर लेती थी थप्पड़ गाल पर जड़ देती थी फिर भी सबसे प्यारी लगती पिटाई […]
दूर होकर भी मेरे दिल के बेहद पास लगती है हज़ारों सूरतों में वो सूरत-ए-खास लगती है ============================= मिल जाए तो जीने का मज़ा आ जाए मुझको भी बिना उसके मुझे ये ज़िंदगी वनवास लगती है ============================== वो मेरे साथ चल रही है डाल के बाहें बाहों में झूठी है […]
वर्त्तमान समय की चमक दमक को देखकर अच्छे से अच्छे लोग भी इस कलयुग में बहा जाते है / जब की उन्हें सही गलत का अंदाजा भी नहीं होता की वो क्या कर रहे है, और इसके क्या परिणाम आगे समाने आने वाले है / हर मां और बाप अपने […]
शीत बीता बसंत लौटा बहारों का मौसम लौटा फूलों के इस मौसम में भंवरों का यौवन लौटा मस्ती में भंवरों की पुष्प पराग को ललचाती है। आम के मंजरो पर कोयल काली इठलाती गाती गीत सुनाती है। खेतों में पीली सरसों फूलाती बसंती हवा के झोकों पर लहराती नवीन फसलों […]
हम भारत माँ के लाल कैसे सह लेंगे अपमान हमकों अपनी बेटियों में भी दिखता हिंदुस्तान यादें कहती हमकों की चितौड़ हमारा सदा से पंजाबी शौर्य गाथा गाते गुरु गोविंद जी महान कभी अवंति बाई तो कभी लक्ष्मी बाई आती धरती का प्यास बुझाने चलाती दोनो कृपाण कभी मरकर भी […]
“लिये है सात फेरें सात वचनो को निभाऊँगी जाओगें जब सरहद पर आँसू नही बहाऊँगी तुम लौटकर आओ तो हाथों में तिरंगा रखना खाली नहीं आना…. चाहे तिरंगा ओढ़़कर आना” ………………………… किया था तुमने वादा वादा है तुमने निभाया सीने पर खाकर गोली वतन को अपने बचाया उजड़ा है सिन्दुर […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।