पड़ोस के पांडे जी के घर से उनकी पत्नी के चीखने-चिल्लाने की आवाज सुन कर मेरी नींद टूट गई है। सौतेली मां बेटी पर बुरी तरह बरस रही है। घर की इकलौती मासूम सुबक रही है-‘मम्मी फिर गंदा नहीं होगा।’ ….. मैं शोरगुल सुन कर दरवाजे के पास पहुंच […]
द्रष्टा बनकर रहना सीखो विचलित कभी न होना सीखो जो हो रहा है , अच्छा हो रहा है इस सत्यता को स्वीकारना सीखो दुःख सुख तो है प्रालब्ध की देन आते जरूर येन केन प्रकारेण फिर उनसे घबराना कैसा मन को अस्थिर करना कैसा जो होना है होकर रहेगा काल […]
बालक को गृहदीपक या कुलदीपक बनाना हो तो उसकी इच्छानुसार चलने नहीं देना। दीपक अर्थात् प्रकाश करने वाला, किन्तु जलाने वाला नहीं। कुलदीपक अर्थात् कुल को प्रकाशित करने वाला, किन्तु कुल को जलाने वाला नहीं! इसलिए बालक में सुसंस्कार डालो। अमुक धर्म-क्रिया तो करनी ही चाहिए, ऐसी आज्ञा भी करो। […]
खुशियों की टोकरी में, उम्मीदों की धूप लिए, वह गुनगुनाती जाती है, घंघोर अंधेरा टूटेगा, जुल्म की धुंध छट जाएगी, जब इल्म का सूरज उगेगा, ज्ञान प्रकाश छा जाएगा, तब नभ चूमने उड़ेगे, सब खग, हर कली फुल बन जाएगी, जब ज्ञान चक्षु खुल जाएंगे, भंवरे, गीत ये गाएंगे, “एक […]
‘फोरम फॉर फास्ट जस्टिस’ के मुंबई में आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन में आज मुझे यह अवसर मिला कि मैं भाषा के कारण देश के नागरिकों पर हो रहे अन्याय की बात रख सकूं। अधिवेशन में देश के विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि पहुंचे हुए थे। इस दो दिवसीय अधिवेशन के मुख्य अतिथि […]
उठे शान से अम्बर में तीन रंग का चोला अपनी पहचान हो, हर युवा हिंदुस्तानी बोल रहा वंदेमातरम गान हो, झुके शीस गर मेरा तो मेरे भारत मां को प्रणाम हो, और विस्वपटल में सबसे ऊँचा अपना हिंदुस्तान हो, उत्तर में कलकल करती गंगा और पर्वतराज हिमालय है, ऋषि मुनियों […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।