हिंदी साहित्य के गगन में हो गया है अरुणोदय अपभ्रंश अनूठी विधा में पुष्पनन्दन कृति गरिमामय जैन रामायण शोधवेता योगेंद्र नाथ शर्मा अरुण को मिला अकादमी भाषा सम्मान हर्षित हुआ उत्तराखंड बढ़ गया जन जन का मान धन्य धन्य हे देवभूमि ओर धन्य है वह विद्या मां जिसने अपने पूण्य […]

दयाधर्म का पाठ पढ़ाया | जग को अहिंसा के मार्ग पर चलाया || बापू आपके बिना सब सूना-सूना है | आपको हृदय में हमारे रहना है || जन-जन का उद्धार किया | भूले-भटकों को मार्ग दिखाया || आपको हम कैसे-क्यों भुला दें? क्या कसूर था बापू का, कोई तो बता […]

वो  मुठ्ठी  में समंदर को जकड़ना चाहता है। वो नन्हा परिंदा आसमाँ पकड़ना चाहता है।। अभी चंद रोज पहले ही चलना शुरू किया है उसने। मगर वो तेज हवाओ के तुफानो को हराना चाहता है।। छोटा सा दिया जो कर ना सका अपने तले उजाला। मगर वो  दिया दुनिया मे  […]

जयपुर मेरे दिल के काफी करीब रहा है… पाँचवी बार यहां आया हूँ। अनेकों यादें जुड़ी हैं इस शहर के साथ… छात्र जीवन में लिखी गई मेरी एक प्रमुख कहानी ‘एक थी निरोत्तमा’ का ताना बाना जयपुर के इर्द गिर्द ही बुना गया था। इस बार की जयपुर यात्रा के […]

तेरे ख़्यालों में रहना अब अच्छा लगता है । यादों के दरिया में बहना अच्छा लगता है ।। तेरे दिल में सांसें लेना अच्छा लगता है । इंतज़ार के पल पल सहना अच्छा लगता है ।। ख़ुशबू में तेरी महक़ना अब अच्छा लगता है । इश्क में तेरे बहकना अब […]

कोई भी प्रण कोई प्रतिज्ञा इस युग में मैं नहीं करुँगी अखिल विश्व का भार वहन कर वसुंधरा मैं नहीं बनूँगी… ऋषि पत्नी का शापित जीवन शिला बनी जो भटकी वन वन राम चरण रज प्रतीक्षारत अहिल्या बनकर नहीं रहूँगी कोई भी प्रण…. पांच पांडवों की भार्या बन पांचाली सा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।