मधुकर  बासंती  हुए, भरमाए  निज  पंथ। सगुण निर्गुणी  बहस में, लौटे  प्रीत सुपंथ। लौटे   प्रीत  सुपंथ, हरित परवेज चमकते। गोपी विरहा  संत, भ्रमर दिन रैन खटकते। कहे लाल कविराय,सजे फागुन यों मनहर। कली गोपियों बीच, बने  उपदेशी  मधुकर। .                      भँवरा  कलियों  से करे, निर्गुण  पंथी  बात। कली गोपियों सी सुने, […]

शूरवीर वह नहीं जो करके नरसंहार जीत ले कलिंग-युद्ध जो बहा दे लहू का दरिया जो मचा दे चहूंओर त्राही-त्राही जो कर दे अनाथ अबोध बच्चों को जो कर दे विधवा नवयुवतियों को जो छीन ले बुढ़ापे की लाठी वृद्ध माता-पिता से निसंदेह वह शूरवीर है जो फैला दे अमन […]

सूर्य का उत्तरायण में आना बसन्त आगमन की आहट है प्रकति अपना आवरण बदलेगी नव सृजन का आभास है मन भी हर्षित तन भी हर्षित खुशनुमा मौसम का वास है ठिठुरन की होती विदाई सरसो के फूलो की सुगंध मिठास है पेड़,पौधो  का होता पतझड़ नई कोंपलों का सृजन आस […]

वाह रे तारीखों का दौर इतना लंबा होगा इंसान क्या भगवान को भटकना होगा। मनमौजी से बढती तारीखों का सबाल हाजिरी तेरी भी लगेगी आखिर तुम्हें भी तो एक दिन वही जाना होगा। बढते तारीखों के दरम्यान वजूद उनकी न मिटने वाली जीतने तारीखें दे डालो पर मंदिर नही टलने […]

आता है ऋतुराज जब,चले प्रीत की रीत। तरुवर पत्ते दान से, निभे  धरा-तरु  प्रीत। निभे धरा-तरु प्रीत,विहग चहके मनहरषे। रीत  प्रीत  मनुहार, घटा बन उमड़े  बरसे। शर्मा  बाबू लाल, सभी को  मदन सुहाता। जीव जगत मदमस्त,बसंती मौसम आता। .                  भँवरा तो  पागल  हुआ, देख  गुलाबी फूल। कोयल तितली बावरी, चाह […]

अल्फाजो को बेअसर कर जाते है, शिद्दत मैं बहे अश्क। दर्द की इंतहा को बया कर जाते है। दिलो के बोझ मन की घुटन, दास्तान ना जाने कितनी, जमाने से छुपाकर अपने साथ बहा ले जाते है। अल्फाजो को बेअसर कर जाते है, शिद्दत मैं बहे अश्क। दर्द की इंतहा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।