आज विज्ञान थल से आसमान छाया हुआ बेकार नहीं वैज्ञानिक तरीके सार्थक सोच आज इंसान ज्ञान बना विज्ञान वैज्ञानिक है आज विज्ञान अभिशाप भी बना वरदान भी परिचय:- अशोक कुमार ढोरिया मुबारिकपुर(हरियाणा) Post Views: 33
कितनी सहज और स्वाभाविक इच्छा थी तुम्हारी माफ कर दो मुझे…. कई दिनों का ठहरा हुआ आवेग अजीब सी बेबसी और एक कचोट जो उमड़-धुमड़ कर पिघलने को तैयार थी संवेदना के इतिहास से घिरे स्नेहसिक्त बादल आज बरस तो गए पर बूंदें धरातल तक नहीं आई त्रिशंकु की तरह […]
धुलेंगे पाप क्या शाही स्नान से ? बात करते हो बिलकुल नादान से । मोह,माया ,छल ,कपट,लोभ,हिंसा छूट पायेगा क्या आज इन्सान से । बचाना होगा खुद से ही खुद को नहीं आयेंगे फरिश्तें आसमान से । बेहद मुश्किल है जान लो दोस्तों लड़ना अपने अन्दर के शैतान से । […]
(वैश्विक हिंदी परिचर्चा भाग – 2) तुच्छ राजनीतिक लाभ के लिए थरूरी आक्षेप पूरी दुनिया में जहां भी लोकतंत्र है, सत्ता की चाह रखने वालों के बीच प्रतिद्वंद्वता, आपसी खींचतान, आरोप- प्रत्यारोप सामान्य बात है। लेकिन यह शोध का विषय है कि क्या भारत के अतिरिक्त भी कोई ऐसा देश […]
भाषा करती है सांस का अभ्यास हास परिहास के कंटक झाड़ों पर चिर जाती है भाषा जैसे हो पतंग भाषा है मिट्टी ,पानी और हवा भी पूर्ण रूप से प्राण है अपनी भाषा मूक कोंपलों सी कराहती हुई वह ढूंढ रही है व अपनी वेशभूषा को छटपटा रही है भाषा […]
धर्म,शिक्षा और साहित्य के लिए विश्वविख्यात देश में आज प्रेम का प्रतीक माना जाने वाला वेलेंटाइन डे, भारतवर्ष के सभ्यता एवं संस्कृति के लिए किसी अभिशाप से कम नहीं है। वर्तमान युवा पीढ़ी अपने कर्तव्यों एवं जिम्मेदारियों से विमुख होते हुए अपने चरित्र का सत्यानाश रोज डे, चाॅकलेट डे, प्रपोज-डे,हग […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।