क्या    शायु       ने शौक़ दिखाया घर में आकर     पेड़       लगाया हरी भरी     ये   डाली        उसकी वो करता     रखवाली        उसकी वक़्त से     पानी   भी देता      है खाद भी     आकर ले    लेता    है घेर के ईंटे     से    वो           आये कहीं ना   बकरी      ये खा    जाये ख़ुशियाँ    कितनी   वो   पाता  है रोज़ पेड़ […]

मेरे फैसले बड़े अनायास होते हैं क्या सही, क्या गलत इन सब से परे मेरी प्रेरणा की प्रतिध्वनि, मेरे एहसास होते हैं मेरे फैसले बड़े अनायास होते हैं। फैसले मर्यादित होते हैं, बड़े ही अनुशासित होते हैं मुझे सुख मिलता है, क्योंकि शुभ से परिपूरित होते हैं न छुपाने को […]

मिराज ने दिखाया कमाल आंतकियों  का बन  काल । पुलवामा का लिया बदला मिराज ने बन के महांकाल ।। गरजे ऐसे भारती के लाल शत्रु हुए पराजित -निढ़ाल । आंतकवाद समूल मिटाने बढ चलें कदम बन भूचाल ।। ऐ पाक  मत कर  अब बैर यूं ही  होते  रहोंगे  तुम ढेर […]

जैसी करनी वैसी भरनी भुगत रहा है पाकिस्तान भारत मे आतंक फैलाकर  खुद मिट रहा है पाकिस्तान भूल गया है सन इकहत्तर को उसने अपने टुकड़े करवाये थे भारत की सेना के आगे नब्बे हजार सैनिक झुकवाये थे माफी मांगकर जान बची थी दुनिया भर में हुई किरकिरी थी फिर […]

नमन शहीदों। वतन मुरीदों। मर मिट जाते। अमर कहाते। वतन सँभाला। बन रखवाला। अमिट निशानी। यह बलिदानी। बन उपकारी। वजह हमारी। तन मन वारे। अमन सँवारे। कसरत कारी। हम बलिहारी। नमन सु वीरों। सुत रण धीरों। पवन पुकारे। चमन निहारे। अमित जुबानी। अमर कहानी। सुजन  निराले। सरहद    वाले। हक  मत […]

तीन रंगो का तिरंगा प्यारा तीन अंगो की सेना है हवा में दिख रहा परचम हमारा जल थल अभी बाकी है। हर घर में वीर है यहाँ हर जिस्म में दौडता लहू जिनको प्राणो से देश प्यारा है रग रग में बसा कश्मीर प्यारा है। आजाद भारत की कहानी वीरो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।