मन की खामोशियाँ भी एक अजीब एहसास होती हैं नयन सूखे , होंठ रूखे लेकिन दिल में आँसुओं की बरसात होती है दर्दों में सिमटी हुई मैं ढूंढ नहीं पाती अपने ही निशाँ जो राह कल तक पहचानी थी वो राह भी अब अनजान लगती है तेरी आँखों का समंदर […]
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तब मैं प्रौढ़ शिक्षा की कक्षाएं लिया करती थी.अस्वस्थ होने की वजह से,एक महीने के लिए मैंने एक तीस-पैंतीस वर्षीया अशिक्षित-महिला,’श्यामा’ को खाना बनाने रखा था.एक शाम वह जल्दी ही खाना बनाने आ गई,पूछने पर बड़ा सकुचाते हुए उसने बताया कि,वह तीज-त्योहार, शादी-ब्याह के गीत स्वयं जोड़-जोडकर बनाती और गाती […]
