मन की खामोशियाँ भी एक अजीब एहसास होती हैं नयन सूखे , होंठ रूखे लेकिन दिल में आँसुओं की बरसात होती है दर्दों में सिमटी हुई मैं ढूंढ नहीं पाती  अपने ही निशाँ जो राह कल तक पहचानी थी वो राह भी अब अनजान लगती है तेरी आँखों का समंदर […]

‌तब मैं प्रौढ़ शिक्षा की कक्षाएं लिया करती थी.अस्वस्थ होने की वजह से,एक महीने के लिए मैंने एक तीस-पैंतीस वर्षीया अशिक्षित-महिला,’श्यामा’ को खाना बनाने रखा था.एक शाम वह जल्दी ही खाना बनाने आ गई,पूछने पर बड़ा सकुचाते हुए उसने बताया कि,वह तीज-त्योहार, शादी-ब्याह के गीत स्वयं जोड़-जोडकर बनाती और गाती […]

स्त्री, स्त्री भर नहीं होती वह जब होती है ! अपने प्रियतम की मोहोब्बत में, अाकाश, पाताल ना सिर्फ धरा, बल्कि वह पूर्ण ब्रह्माण्ड होती हैं ! जिसकी रूह विचरती है, इबादत में उस पूर्ण शून्य में, और तब, तब वह “देवी” होती है अक्षुण्ण-प्रेम का आकार ले चुकी स्त्री […]

‘दुखिया”तू गमों की मारी,दुखियारी, बेचारी.. ये मार्मिक नामकरण????? नहीं!नहीं! अब सुलझ चुके समीकरण।। नारी नहीं बेचारी।।। न ही दुखों की मारी।। ये अबला,अब बन चुकी “सबला” पुरजोर हौसला कर रहा,लाचारी का नाश, आज की नारी ,छू रही आकाश।।। गगन हो या धरती “विवशता” अब, नारी के समक्ष, पानी है भरती।।।। […]

आज  मैं  महिला  दिवस  पर कुछ  लिखना  चाह रही हूँ ।आज  वर्तमान  में  महिलाएं  सभी  कलाओं  में  परिपूर्ण हो  रही हैं ।चाहे लडाई का, मुक्केबाजी, या पहलवानी का  हर एक मुकाम हासिल कर रही हैं ।हाल ही में मेरी काॅम नाम की महिला  ने 6 गोल्ड मेडल   मुक्केबाजी में  हासिल  […]

चंद्र की चाँदनी हूँ तारों को समेटे आँचल में फैलाती शीतलता दिवाकर की हूँ उषा किरण जो नभ और धरा को  देती नवीनता मेरा हैं हर दिवस फिर एक दिवस क्यों     करू हर्ष बन सलिला मैं देती जीवन में       तरलता दौड़ रहा हैं ,मेरा   […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।