खतरे के निशान से ऊपर तुम आ चुकी वह नदी हो कठिन है बचना मेरा शायद बह जाऊंगा तेरे साथ उस किनारे ही मेरी जमीन थी छोटा था सपनों का घर तिनका तिनका जतन कर लिखा था लहू से उस पर सिर्फ तुम्हारा ही नाम पता था मुझे किनारा नदी […]

*सरकार से भी हम यही अनुरोध करते हैं कि “बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ” के साथ ही “बेटा पढ़ाओ, संस्कार सिखाओं” का नारा भी घोषित करने की कृपा करें* दौसा(राजस्थान)।  लक्ष्मणगढ़ के युवा कवि लेखक हरीश शर्मा द्वारा आयोजित *बेटा पढ़ाओ – संस्कार सिखाओं अभियान* पर दौसा राजस्थान के निवासी युवा कवि […]

नारा एक मंत्र है, एक ऐसा मंत्र जो ज़ुबान पर चढ़ जाए, दिलो-दिमाग़ पर छा जाए, तो जीत का प्रतीक बन जाता है. नारे पार्टी को जनमानस से जोड़ने का काम करते हैं. ये नारे ही हैं, जो पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भर देते हैं. वक़्त के साथ नारे बदलते […]

होली का रंग चढ़ी पीकर भंग मेरी हार्दिक शुभकामना आप के संग।। रंग भरी पिचकारियाँ, खिले चेहरे संग, रंग गिरे शरीर पर, मन मे उठे उमंग। कौन रंग में होली रंगे, कैसे बहे वसंत? भाईचारे रंग होली रंगे,प्रेम संग बहे वसंत। गद गद सारे हो गए, लगा के अंग में […]

सृष्टि की रचना और सृजन का आधार नारी का ऋणी है ,यह सारा संसार। फिर भी मांगता प्रमाण है, पूछता उसका स्थान है। भूल जाता है ‘लक्ष्मीबाई’ का बलिदान, देश की रक्षा हेतु कफन बांध, निकली ‘रज़िया सुल्तान’। त्याग ,दया की मूरत ‘मदर टेरेसा’ ने, विश्व को लिया अपनी ममता […]

आज देश महफूज कहाँ है अपने ही गद्दारों से सीमा पर तो रण करलेंगे निपटें कैसे खोटों से कौन कहे इन हैवानों की करतूतें कब होंगी कम बच्चा बच्चा चीख रहा है और सभी की आँख है नम जुबां जुबां बोले फिर अब तो इन्कलाब की बोलियाँ अपने ही अपनों […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।