रंग जीवन के बने रहे खुशियां रहे अपार होली का त्यौहार है बधाई हो बारम्बार नशे व्यसन में फंसो नही  होली बदरंग करो नही राग,द्वेष भी त्याग दो सदभाव की सोगात दो रंग,गुलाल,अबीर उठाओ एक दूसरे को जरूर लगाओ प्रेम की नई रसधार बहे ऐसा तुम आगाज दो कृष्ण जैसा […]

खतों की बात पुरानी हो चली… वो भी क्या दिन थे जब खतों में दिल का हाल लिखा जाता था…कोरे कागज पर जज़्बात उकेरे जाते थे.. लफ़्जों में अहसास पिरोये जाते थे… पढ़ने वाला भी उसी शिद्दत से हर्फ़ दर हर्फ़ महसूस करता था…खत भेजने में भी वही शिद्दत होती […]

* दोहा– याद करें प्रल्हाद को,भले भलाई प्रीत। तजें बुराई मानवी, यही होलिका रीत।। चौपाई– हे शिव सुत गौरी के नंदन। करूँ आपका नित अभिनंदन।।१ मातु शारदे वंदन गाता। भाव गीत कविता में आता।।२ भारत है अति देश विशाला। विविध धर्म संस्कृतियों वाला।।३ नित मनते त्यौहार अनोखे। मेल मिलाप,रिवाजें चोखे।।४ […]

एक होली आज भी है,, एक होली वो भी थी,,, अब साथ नही है जो,, तब हमजोली वो भी थी,,, उसके गाल गुलाबी को तब रंगो से हमने रंगा था,,, उसके होठो के गुलकंद को, अधरो से जब चखा था,,, उसके योवन का रंग हम पर कुछ ऐसे चढ़ गया […]

सियासत की शतरंज से बाहर निकलकर बादशाह , वजीर और प्यादे सब एक ही अंदाज में नज़र आए तो समझ लेना होली है । पड़ोसी घुरता है इस बात की शिकायत जो दिन रात करती है वही पड़ोसन जब चिढ़ाती हुई गुजर जाए तो समझ लेना होली है सरहदों पर […]

मेरे दिल का कोई कमरा तेरे रहने की खोली है, कहीं रहता मेरा बचपन कहीं बच्चों की टोली है। मचलते हैं कहीं बूढ़े गुलाबी खुश्बुएं लेकर मचलता है मेरा मन और कहता आज होली है। सजे हैं गीत रंगो में सजी है धरती हरियाली, है लगता गुड़ से मीठा भी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।