सोनभद्र के घने जंगलों के बीच आदिवासी बाहुल्य एक ऐसा गांव जहां मोबाईल में नेटवर्क पहाड़ पर चढ़े बिना नहीं पकड़ता, जहां शाम होते ही लोगों को पहाड़ पर जाने से मना कर दिया जाता था। गांव के लोगों का ऐसा मानना है की शाम के बाद रात में पहाड़ी […]

दिल्ली | साहित्य संगम संस्थान दिल्ली द्वारा 22 अप्रैल 2019 दिन सोमवार को पृथ्वी दिवस विशेष ऑनलाइन वीडियो काव्य सम्मेलन रखा गया(दोहा मुक्तक) जिसमें छगनलाल गर्ग विज्ञ जी,शिवकुमार लिल्हारे अमन जी,अंजुमन मंसूरी आरजु जी,बाबा कल्पनेश जी,रवि रश्मि अनुभूति जी,राजेश कुमार तिवारी रामू जी,सरिता श्रीवास्तव जी,लता खरे जी,सरोज ठाकुर जी,अनिता मंदिलवार […]

दिये तो बहुत थे पर, जल कुछ और रहा था। अंधरे में रोशनी, वो ही कर रहा था। अब कैसे पता करे हम? जिक्र जब भी उनका, करते अपने दिल मे। याद कुछ और ही, दिला देता ये दिल । अब क्या कहोगे इसे, तुम कुछ तो बता दो। बात […]

ऐ दिल तू बता दे, तेरा शहर क्यूँ भूला बडी मुश्किल से मैंने, बातों को भूला हसरतो को तूने क्यूँ, आँसूओ में घोला ऐ दिल तू बता दे, तेरा शहर क्यूँ भूला। कहते थे मुझसे, कभी न होंगे जुदा नादा था मै, समझ सका न तेरी खता मुस्कुरा के तूने, […]

भारत के  संविधान  में,दिए मूल अधिकार। मानवता   हक  में  रहे, लोकतन्त्र सरकार। लोकतंत्र  सरकार, लोक  से निर्मित  होती। भूलो  मत  कर्तव्य, कर्म  ही   सच्चे  मोती। कहे  लाल कविराय, अकर्मी  पाते   गारत। मिला वोट अधिकार,बनाओ अपना भारत। .                   दाता ने  हमको  दिया, जीवन  का अधिकार। जागरूक   मतदान   से,  लोकतंत्र   साकार। लोकतंत्र […]

आप कहते रहिए मैं सुनता रहूंगा आप उधेड़ते रहिए मैं बुनता रहूंगा आप तंज़ किजिए मैं दिल पर नहीं लूंगा आप बुरा भला कहिए मैं मुस्कुरा दूंगा आप  दावा कीजिए बेहतरीन लिखने का मैं बड़े अदब से उसे पढ़ूँगा आप बहस का मौक़ा तलाश किजिए मैं कभी आपसे नहीं उलझूँगा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।