हम बहुत कुछ करते हैं दिखाने को। हाथों की लकीरों को आजमाने को। न सुबह को चैन है न रात को आराम, हाय ये क्या हो गया इस जमाने को। जिंदगी की परेशानियां कम हो जाए, हम चल दिए बुत के आस्ताने को। दिल में जख्म थे अब गहरे हो […]
पुस्तक—– वुमन आवाज –2 संपादक —- शिखा जैन समीक्षा — आरती प्रियदर्शिनी इंदौर के संस्मय प्रकाशन के अंतर्गत शिखा जैन के कुशल संपादन में प्रकाशित पुस्तक “वुमन आवाज-2” अनेकों महिलाओं की कृतियों से सुसज्जित एक बेहतरीन पुस्तक है। पुस्तक के हर पन्ने पर हिंदुस्तान की आधी आबादी का अक्स झलकता […]
हम मिले दर्द को छिपा कर के क्या मिला उनसे यूँ वफ़ा करके याद करते है वो भुला कर के फिर बुलाते है वो दुआ कर के पल दो पल की इस ज़िन्दगी में तुम जीत लो दिल यूँ मुस्कुरा कर के हाथ को हाथ में ले कर देखो कर […]
रामायण की सुनिए वाणी। पाप मुक्त हो जाता प्राणी। रहमत की आधार सिला ये, जन-जन की ये कल्याणी।।१ सतियों की है अमर कहानी। गाथाओं की है भरी रवानी। विपदाओं को ये दूर हटाकर, छोड़ी अपनी अलग निशानी।।२ सुख-दुख की विपदाये झेले। प्राणी बनकर भगवन खेले। परम विवेकी मानव जीवन, नीर […]
भारत के हित में देश के भाषा प्रेमियों को अपने-अपने आग्रह छोड़ देना चाहिए क्योंकि अंग्रेजों की “फूट डालो राज करो” की नीति का यही एकमात्र तोड़ है और यही न्यायपूर्ण भी है। हिन्दी शक्तिशाली भाषा है क्योंकि वह देश के बहुसंख्यक वर्ग की भाषा है। पूरे भारत में उसके […]
बहारें इंतज़ार करती,ग़ुलों के खिलखिलाने का । हमें भी इंतज़ार है अब, तुम्हारे मुस्कुराने का ।। तुम्हारे नाम है मेरी ये सारी ज़िंदगानी ।।। हमें तो शौक है तेरी, बांहों में बिखर जाने का ।।।। मेरा दिल तो हरदम यूं, तुम्हारा नाम लेता है । चाहत की हसीं राहों पर, […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।