बन प्रणेता भरा मानस मानस रचकर दिलाये पहचान दिया आधार।१ तुलसी ज्ञान।२ ममत्व भरा दिये तुलसी सिखलाये मर्यादा। मार्गदर्शिका बन मानस शब्द।३ तपस्या फल।४ मिले निदान मानस धार हरिशरण पथ हरता है चिंतन मानस पाठ।५ शब्दों में सार।६ जगत गान महान कवि करता निरंतर छोडकर निकले मानस पाठ।७ अमिट छाप।८ […]
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साहित्य संगम संस्थान के विषय छंदोत्सव विशेषांक समीक्षा पर राजवीर सिंह मंत्र जी,मीना भट्ट जी,छगनलाल विज्ञजी,गुणवती गार्गी जी,बाबा कल्पनेश जी,सुनील कुमार अवधिया जी,महालक्ष्मी मेधा जी,भावना दीक्षित जी,भारती वर्मा जी,हरीष विष्ट जी,आरती डोंगरे जी,राजेश कौरव जी,ने बहुत सारगर्भित समीक्षा कर इस विशेषांक की सराहना की शुभकामनाएं दी।अत्यंत खुशी की बात ये […]
