मुझे बूढ़ी आँखों मे आँसू देखना अच्छा नहीं लगता मुझे उनके कंधों पर बोझ रखना अच्छा नहीं लगता आशाओं में गुजारी जिंदगी पूरी न हो मुझे अच्छा नहीं लगता सहारे की जरूरत हो सहारा ना दे मुझे अच्छा नहीं लगता उनके पास बतियाने का समय ना हो मुझे अच्छा नहीं […]

अपना क्या है? सब है तेरा सामने, तू है फिर क्यो हो अंधेरा? फासले बढ गये रास्ते बदल गये छा गया अंधेरा अपना क्या है? सब है तेरा सामने, तू है फिर क्यो हो अंधेरा? दूर बस्तियों में है बसेरा है बसेरा मुश्किलो का रोज सामना मेरा सामना मेरा अपना […]

लो हो गयी छुट्टियां गर्मियों की मन में जगी आस अपनों से मिलने उत्सुक है होगी मीठी बात कुछ शादियों में जायेंगे जमकर धूम मचाएंगे बच्चे नाना नानी को नाको चने चबाएंगे दादा दादी से मिलकर सुनेंगे नई कहानी टीवी होगा अपना बेट बल्ला  होगा जानी नही घूरेंगे मम्मी पापा […]

किसी की नहीं सुनता मैं ये , आज कह रहा । मैं दिल से देता हूँ वोट , पैसों से नहीं , मेरा वोट है मेरा हक , शान से कह रहा ।। ये चुनावी हथकंडे है , ये तो रोज आएंगे , ये हाथो को जोड़ कर , हमारे […]

लाईन में जिंदगी आम आदमी की जिंदगी गुजरती है लाईन में ॥ ख्वाबों की लड़ियां सजती -बिखरती है लाईन में । आम आदमी ********॥ क्षुधातृप्ति का सामान राशन है लाईन में । जलानी हो ढिबरी तो किरासन भी लाईन में । आम आदमी *******॥ निकले जो सफर में टिकट भी […]

सकारात्मक सदा सोचने से सकारात्मक होते परिणाम कष्ट कितना भी तन मन को हो सकारात्मक सोचे अविराम परमात्मा पर विश्वास रखकर कष्ट – मुक्ति का ध्यान कीजिए जिन ओषधियों की हो जरूरत वह भी नियमित जरूर लीजिए प्रालब्ध भोगना तो नियति है उससे बचकर भागना कैसा पर जब परमात्म भाव […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।