मेरी भी मनोकामना पूर्ण होती जब बेटी मेरे आंगन हँसती खेलती उसके जन्मदिन पर मैं हर्षित होती घर तोरण से सजातीगुब्बारे बांधती खुशियां लुटाती। अठखेलियां करती बेटी के चेहरे पर मैं अपनी प्रतिष्ठा के क्षण ढूंढती । उसकी झील से आँखों में ही मैं अपनी दुनिया का सौभाग्य देखती । […]
