पुस्तक समीक्षा  पुस्तक का नाम- साहित्य समिधा (पद्य – गद्य संग्रह)  मुख्य संपादक – श्रीमती ममता बनर्जी ‘मंजरी’ मुख्य वरिष्ठ संपादक – डॉ अवधेश कुमार ‘अवध’  प्रबंध संपादक –  डॉ अरुण कुमार ‘सज्जन’  सर संपादक – डॉ अनुज कुमार                     श्री […]

यह बहुत बड़ी विडंबना है कि हिन्दी को तोड़ने वालों में हिन्दी के अपने ही लोग हैं। भोजपुरी के कुछ समर्थकों का यह विचार है कि हिन्दी भाषा से अलग होने पर ही भोजपुरी भाषा और संस्कृति का विकास हो पाए गा। वास्तव में यह उनका भ्रम है। भाषाविज्ञान की […]

बारिशों का दौर है जल से सराबोर है लबालब सड़के है जलभराव चहुं ओर है जल निकासी होती नही नालियां खाली होती नही जल संचयन गर कर ले हम वर्षा-जल को संजो ले हम जल संकट न हो कभी जल भरपूर रहे तभी  समय कम है बचा लो जल सुरक्षित […]

लाख ग़म है फिर भी मुस्कुराकर जीता है कोई दिवाना हंसकर जख्मो को सीता है। आईने में देखा है ईश्क में टुटा हुवा बशर  किस तरह ज़िंदगी वो मर-मरकर जीता है। न जाने क्यु दुश्मन है जमाना मोहब्बत का मोहब्बत का तो पैगाम देते कुरान- गीता है। लाख नफरतें है […]

माँ शारदा को नमन नमन करूँ चहुं ओर चारो दिशाएं प्रकृति सभी गुरु सभी  ओर                  🏼 प्रथम गुरु है माँ मेरी दूजे पिता महान जिन्होंने ये जीवन दिया और दिया सब ज्ञान । गुरु फिर आये जीवन में समझाया सब सार चलना […]

जो मन से गुरूर को दूर करें वो गुरु,,  जो मन में रब का सुरूर भरे वो गुरु,,  जो मन में अलख जगाए वो गुरु,,  जो सही रास्ता दिखाएं वो गुरु,, जो अच्छों से सोहबत दे वो गुरु,,  जो रब से मोहब्बत दे वो गुरु,, जो हृदय में संस्कार जगा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।